कर दिया लाखों का भुगतान
4 अगस्त 2017 को आयोजित कार्यक्रम में बिना निविदा निकाले जय मां बम्लेश्वरी रायपुर फर्म को 30 अक्टूबर 2017 को 11 लाख 35 हजार 750 रुपए का भुगतान कर दिया। यह भुगतान भंडार क्रय नियमों की अनदेखी करते हुए किया गया। इस मंडल का गठन 2008 में हुआ था। तब से मंडल का एक ही सचिव है। सचिव द्वारा तब से आज तक नियमित लेखाधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई है। यहां पर संविदा लेखाधिकारी से ही कार्य लिया जा रहा है। जबकि, किसी भी मंडल में संविदा लेखाधिकारी को वित्तीय अधिकार देना नियम विरुद्ध है।
2 करोड़ की फिजूलखर्ची
विभाग की उपायुक्त ने भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में 2008 से 2018 तक 31 नये वाहन बिना वित्त विभाग के अनुमोदन साथ ही बिना विभागीय मंत्री के अनुमोदन से खरीदी की गई। उन वाहनों का मनमाना उपयोग किया जा रहा था। आज की स्थिति में मंडल के सचिव खुद अपने घर मे 5 वाहनों का उपयोग कर रही है। जबकि वाहन खरीदी को महालेखाकार ने निष्फल व्यय माना है। बिना वित्त विभाग के अनुमति के गाड़ी खरीदी पर संबंधित अधिकारी से गाड़ी खरीदी की राशि वसूलने के भी निर्देश हैं।
अवर सचिव को दिया था जांच का जिम्मा
श्रम विभाग की सचिव आर संगीता ने मामले का खुलासा होने के बाद 10 अप्रैल को अवर सचिव दिव्या मिश्रा को उपायुक्त के खिलाफ जांच के निर्देश दिए थे, लेकिन अवर सचिव ने आठ माह बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी।