मुख्यमंत्री ने कहा यहां विवेक ढांढ भी मौजूद हैं। पिछली सरकार में तो वो फोन से बात नहीं करते थे, बल्कि वाट्सऐप कॉल किया करते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कहा पिछली सरकार में भय का वातावरण था। ये प्रदेश के लिए ठीक नहीं था। उन्होंने कहा भाजपा को इस मामले में सरकार का समर्थन करना चाहिए।
उनके नेता ननकीराम कंवर ने खुलकर समर्थन किया है। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार में किसी का फोन टेप नहीं होगा। इस आयोजन में पूर्व छात्र की हैसियत से पूर्व मुख्य सचिव और रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी के अध्यक्ष विवेक ढांढ़, महाधिवक्ता कनक तिवारी, आयुष विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. एटीके दाबके, पूर्व विधायक शक्राजीत नायक आदि मौजूद थे।
यहां से उठी थी टेपिंग की बात
भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में अफसरों और नेताओं के बीच आम धारणा थी कि उनके फोन टेप किए जा रहे हैं। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले की जांच के लिए एसआइटी बनी। जांच के दौरान पहली बार अवैध रूप से अफसरों, नेताओं और न्यायाधीशों के फोन टेप होने की बात सामने आई। इस मामले में एसीबी-इओडब्ल्यू के तत्कालीन प्रमुख मुकेश गुप्ता और एसपी रजनेश सिंह पर दो-दो एफआइआर हुई हैं। दोनों को निलंबित भी कर दिया गया है।