जब मतदान दल लौट आए, तब आंकड़े पीछे क्यों छूटे : बस्तर में मतदान दलों की सुरक्षित वापसी बड़ी चुनौती होती है ऐसे में मतदान की सही स्थिति सामने आने में एक से तीन दिन का समय लग जाता है। सुकमा जिले में पहली बार मतदान दलों को पैदल लाने की बजाय हेलिकॉप्टर से लाया गया। जगरगुंडा और चिंतागुफा जैसे घोर माओवादी इलाकों से 13 मतदान दलों को लाया गया। इसी इलाके के 27 अन्य मतदान दलों को बूथ पर रोका गया था। नारायणपुर के 122 मतदान दलों में 117 की सकुशल वापसी रात में हो गई थी। यहां 22 मतदान दलों को हेलिकॉप्टर से लाना पड़ा।
इसके बावजूद आंकड़ों में देरी हुई
रात में सकुशल वापसी का दावा : धुर माओवाद प्रभावित विस क्षेत्र मोहला-मानपुर में दोपहर तीन बजे मतदान खत्म हो गया था। यहां से मतदान दलों की सुरक्षित वापसी देर रात तक हो गई थी। इसी तरह अन्य विस में भी अंदरूनी इलाकों से सभी मतदान दल ब्लॉक मुख्यालय पहुंच गए थे। इनसे मतदान का आंकड़ा ले लिया गया था। जिला मुख्यालय पर एक बार फिर आंकड़ों का मिलान किया गया। दोपहर तक सीलिंग भी पूरी हो गई थी।
आखिर जनता के मन में है क्या?
बस्तर में अंदरूनी इलाकों से 12 किलोमीटर पैदल चलकर बड़ी संख्या में मतदान करने पहुंचे लोगों के मन में क्या है? इसे सरकार के खिलाफ नाराजगी से जोडकऱ देखा जाए या माओवाद के खिलाफ गुस्से के तौर पर? या गांव से कोसों दूर मतदान करने की होड़ विकास के लिए थी? इस पर कयासों का दौर है।
मतदान की स्थिति
विधानसभा सीट | मतदान % 2018 | 2013 |
खैरागढ़ | 84.31 | 84.40 |
डोंगरगढ़ | 82.53 | 82.57 |
राजनांदगांव | 78.66 | 82.43 |
डोंगरगांव | 85.15 | 85.25 |
खुज्जी | 84.48 | 85.02 |
मोहला मानपुर | 80.00 | 80.55 |
अंतागढ़ | 74.45 | 77.34 |
भानुप्रतापपुर | 76.77 | 79.25 |
कांकेर | 78.54 | 79.12 |
केशकाल | 81.32 | 83.47 |
कोण्डागांव | 82.84 | 84.78 |
नारायणपुर | 74.40 | 70.28 |
बस्तर | 83.51 | 84.29 |
जगदलपुर | 78.24 | 73.61 |
चित्रकूट | 80.31 | 79.11 |
दंतेवाड़ा | 60.62 | 62.03 |
बीजापुर | 47.35 | 45.01 |
कोंटा | 55.30 | 48.36 |