राज्य में लेबर्स की संख्या अधिक है। सरकार उन्हें खाने को सस्ता अनाज दे रही है। ऐसे में श्रम के प्रति वे सही ध्यान नहीं दे रहे हैं। हमारे यहां डिग्निटी ऑफ लेबर्स नहीं है। लीडर को चाहिए कि वह लेबर की ताकत को बताए, उसे भरोसा दिलाए न कि सस्ता अनाज बांटे।
अमृता जैन, बीबीए फस्र्ट इयर
माओवाद का हो खात्मा
राज्य में माओवाद का दंश गहरा होता जा रहा है। जहां प्राकृतिक नजारे हैं, वहां खून की नदियां बहने लगी है। अगर माओवाद बढ़ रहा है तो, कहीं न कहीं ये सरकार की नाकामयाबी है। किसी भी सरकार ने इस पर सही मंत्रणा नहीं की। मेरा वोट ऐसे ही लीडर के लिए होगा जो इस तरफ न सिर्फ ध्यान दे बल्कि नक्सल मूवमेंट को जड़ से खत्म करे। दूसरी बात ये कि इलेक्शन के टाइम प्रत्याशी कई तरह के वादे करता है। जीतने के बाद उसे जरूर पूरा करे। लोगों को बताए कि हमने यह वादा किया था जिसे पूरा किया।
सोनिया, स्टूडेंट
मैं ऐसे लीडर को वोट करूंगा जा पॉजिटिव एटिट्यूड रखे। आरक्षण खत्म किया जाना चाहिए। इसकी वजह से हमारे देश की युवा प्रतिभाएं दूसरी कंट्रीज जा रही हैं। हमारे देश में उन्हें चांस नहीं मिल रहा है। लीडर वही सही है जो पब्लिक के सुख-दुख का साथी हो। उन्हें साथ लेकर चलने वाला हो। हमेशा विकास पर फोकस्ड हो।
हेमंत शर्मा, स्टूडेंट