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इस विधानसभा चुनाव अपना गढ़ होगा दलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती, बदलने लगी है पुराने क्षेत्रों की फिजा

locationरायपुरPublished: Sep 11, 2018 01:52:29 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

रायपुर का शहर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र शहर की सियासत में यह मोहल्ला कांग्रेस का पुराना गढ़ है

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इस विधानसभा चुनाव अपना गढ़ होगा दलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती, बदलने लगी है पुराने क्षेत्रों की फिजा

मिथिलेश मिश्र@रायपुर. रायपुर का शहर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र। पुराने मोहल्लों में से एक टिकरापारा का सिद्धार्थ चौक। यह चौराहा ही मोहल्ले का मुहाना है, जहां से इस इस मिश्रित आबादी वाले मोहल्ले में दाखिल हुआ जा सकता है। यहां से भीतर जाने पर सडक़ संकरी है। इसलिए बड़ी गाडिय़ों के जाने पर आने-जाने वालों की दिक्कत बढ़ जाती है।

दिन भर के बंद के बाद शाम को चौराहे पर भीड़ सामान्य हुई है। संजय नगर, संतोषी नगर से घिरा यह मोहल्ला अपने तालाबों और पुरानी बसाहट के लिए जाना जाता है। सबसे पुरानी आबादी ढीमर और साहू समाज की है। उसके बाद मुसलमान, ब्राहमण और मिश्रित आबादी है। अधिकतर छोटे कारोबारी, नौकरीपेशा लोग। शहर की सियासत में यह मोहल्ला कांग्रेस का पुराना गढ़ है। पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी किरणमयी नायक की बड़ी हार के बावजूद इस मोहल्ले के बूथ नंबर 132 पर सबसे अधिक वोट मिले थे। लेकिन लोगों से बात करने पर समझ में आया कि यहां कि फिजा बदलने लगी है।

स्थानीय कारोबारी जीतेंद्र गोलछा का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में यहां बहुत से विकास कार्य हुए है। उनका कहना था, यहां की बसाहट को योजनाबद्घ किया जा सकता तो व्यापारिक दृष्टि से काफी फायदेमंद होता। हालांकि स्थानीय कांग्रेस पार्षद सतनाम पनाग का दावा उनसे उलट है। पनाग कहते हैं, जो स्थानीय लोगों की मांग है, उसपर काम बिल्कुल नहीं हुआ। युवाओं को रोजगार के अवसर चाहिए, महिलाओं को स्वरोजगार। गली-गली में नशे की दुकानों का विरोध है, लेकिन क्षेत्रीय विधायक उन्हें बंद कराने के लिए आगे नहीं आए।

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