सीखें और बहुत सुनें
जो युवा सिंगिंग की दुनिया में आना चाहते हैं उनके लिए सुमेधा ने कहा कि बहुत सुनें फिर सीखें और लगातार प्रैक्टिस करते रहें। जितना ज्यादा सुनेंगे उतनी समझ बढ़ेगी। जितना रियाज होगा उतना निखार आएगा। आने वाले प्रोजेक्ट के सवाल पर सुमेधा ने कहा कि बॉलीवुड में जब तक फिल्म रिलीज हो न जाए कोई भी सिंगर प्रोजेक्ट को लेकर बोल नहीं सकता। क्योंकि रिलीज के एक दिन पहले आपकी आवाज रिप्लेस हो जाती और कोई दूसरा उसे गा लेता। इसलिए रिलीज के बाद ही कुछ बोलना ठीक है। हालांकि जल्द ही आप आने वाली फिल्मों में मुझे सुन पाएंगे।टर्निंग प्वाइंट
सुमेधा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से स्कूली पढ़ाई के बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए वह चंडीगढ़ चली गई। लुधियाना में उन्होंने सारेगामा के दो ऑडिशन दिए। फाइनल ऑडिशन मुम्बई में था, लेकिन उसी दरम्यान उनके फाइनल इयर के एग्जाम्स भी आ गए। घर पर बात की तो मां ने ऑडिशन देने के लिए हामी भरी। मुम्बई जाकर ऑडिशन दिया और सारेगामा में सेलेक्ट होकर टॉप 5 तक पहुंची। सुमेधा बताती है कि यही टर्निंग पॉइंट था, यहीं से कॅरियर चल पड़ा। तीन साल की उम्र से स्टेज परफॉर्मेंस कर रही है। 14 साल की उम्र में ओपी नैयर से उनके गाने के लिए सारेगामा के शो में अवार्ड मिला था।