फाफाडीह निवासी रिंकी चौधरी कहती हैं, जब भी कोई नेक काम किया जाए तो मन को अच्छा लगता है। मैं इन दिनों दोनों टाइम पक्षियों के लिए पानी रखती हूं।
अब गर्मी जाने को है लेकिन मैंने अप्रैल और मई में रोजाना सकोरे में पानी रखा। क्योंकि यह काम तो घूमते-फिरते इसे किया जा सकता था। मैं अपनी फ्रेंड रवीना से इंस्पायर हुई। उसने फ्रेंड के वाट्सएपग्रुप में तस्वीरें डाली थी। जिसने भी इसे देखा सभी सकोरे में पानी रखने लगे।
पापा से मंगवाए थे 4 सकोरे
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी गृहिणी मालती वर्मा और उनकी बिटिया आर्या पंछियों के लिए अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाते आ रही हैं। आर्या ने अपने पापा से ४ सकोरे मंगवाए थे। इन्होंने धान का झूमर भी रखा है ताकि परिंदे प्यास के साथ भूख भी मिटा सकें। मालती ने बताया कि आर्या रोज सुबह-शाम पानी और दाना रखना नहीं भूलती। अब तो गर्मी जाने को है लेकिन हम अगले साल गर्मी में भी यह काम करेंगे। अगर सकोरे में पानी रखने से पक्षियों की जान बच जाती है तो इससे बढ़कर पूण्य और क्या होगा।