पोस्टमार्टम में भी मनमानी का आरोप
मृतक का शव सुबह तकरीबन 9 बजे अंबेडकर अस्पताल की मरच्युरी में पुलिस ने भेज दिया था। लेकिन 4 बजे शाम को पोस्टमार्टम करके शव वापस किया गया। परिजनों का आरोप है कि मरच्युरी के कर्मचारियों द्वारा 500 रुपए मांगे जा रहे थे, लेकिन नहीं देने पर बाद में पहुंचे शवों का पहले पोस्टमार्टम किया गया।
लोगों ने पथराव करके रुकवाया भागते ट्रक को
रोहित को कुचल कर आरोपी चालक तेज गति से ट्रक लेकर भागने लगा। वह तकरीबन 500 मीटर भाग पाया था कि स्थानीय लोगों ने उसे रोक लिया। ट्रक के रुकते ही लोगों ने ट्रक पर पथराव शुरू कर दिया। चालक को उतार कर जमकर पिटाई कर दी गई। अभी चालक अंबेडकर अस्पताल में भर्ती है।
यातायात पुलिस ने लगाई नो-एंट्री
घटना के बाद स्थानीय लोगों के साथ पार्षद मोहित घृतलहरे गोगांव सड़क पर बैठ गए और तकरीबन तीन घंटा तक जाम लगाए रखा। मौके पर सीएसपी उरला अरुण जोशी और थाना प्रभारी गुढि़यारी किशांतो बनर्जी ने पहुंचकर मामले को शांत कराया और यातायात पुलिस अधिकारियों से चर्चा कर सड़क पर नो-एंट्री लागू करवाया।
आउटर खतरनाक
शहर से बाहर आउटर इलाकों में दुर्घटनाओं का ग्राफ पिछले दो वर्षों में बढ़ा है। 2017 में रायपुर में 2000 से अधिक दुर्घनाएं हुई। इसमें दोपहिया सवार 25 फीसदी लोगों की मौत और करीब 1300 गंभीर रूप से घायल हो गए। गौरतलब है कि राजधानी में करीब ४0 डेंजर जोन है। उन्हें विभागीय अधिकारी सुधारने में जुटे हुए हैं।