गए। उन्होंने कहा, जिसको मदद मिलनी थी मिल गई, अब किसी को कुछ नहीं मिल पाएगा। ऐसा जवाब सुनने के बाद किसान भीड़ से बाहर निकल गया।
थोड़ी देर बाद किसान के सीने में तेज दर्द उठा। उसके साथी और परिजन और सिम्स बिलासपुर ले गए,जहां डॉक्टरों से उसे मृत घोषित कर दिया। गुस्साए ग्रामीणों ने शव को सडक़ पर रखकर चक्काजाम की कोशिश की। एसडीएम आराध्या कुमार सहित पुलिस अधिकारियों के समझाने पर ग्रामीण माने गए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
सूखे ने धान मारा-गन्ने के खेत में आग लग गई : किसान मनहरण साहू के पास 10 एकड़ खेत है। उसने पिछले वर्ष दो एकड़ खेत में गन्ना लगाया था, जो आग लगने की वजह से जल गया। सूखे की वजह से शेष खेत में लगा धान भी मारा गया। किसान के चार बेटे और एक बेटी खेती के काम में ही मदद करते थे। आय का कोई दूसरा जरिया नहीं था। किसान नेता घनश्याम वर्मा ने बताया, घटना से थोड़ी देर पहले वे वहां पहुंचे थे। उन्होंने जय जवान-जय किसान का नारा लगाया। अफसरों के रुख से नाराज मनहरण ने कहा, कहां भइया यहां तो अधिकारी लोग मरो जवान-मरो किसान का नारा लगा रहे हैंं।
जुटे थे 18 गांव के किसान : सेवा सहकारी समिति बदराठ से जुड़े 18 गांव के लोगों ने पिछले सप्ताह सूखा राहत व फसल बीमा सम्बंधित मांग को लेकर कलक्टर को ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में 17 जुलाई को प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। सुनवाई नहीं हुई तो किसान बदराठ में जुटे। उनको रोकने के लिए तहसीलदार पुलिस बल के साथ सुबह 9 बजे ही पहुंच गए।