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रायपुर

रायपुर में बन रहा 500 सीटर सरकारी को-वर्किंग सेंटर

उद्भव और आरंभ देंगे आइडियाज और विजन को रफ्तार

रायपुरApr 12, 2024 / 11:31 pm

Tabir Hussain

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प्रतीकात्मक तस्वीर: कुछ इस तरह दिखाई देगा वर्किंग सेंटर।

अगर आपको 6-7 सौ महीने में 3 बाय 3 का कोई ऐसा स्पेस मिल जाए जहां ऑफिस कल्चर की तमाम सुविधाएं हों, तो कैसा रहेगा? जाहिर है इससे बेहतर और क्या हो सकता है। राजधानी में बिजनेस कल्चर को बढ़ावा देने के मकसद से नगर निगम की ओर से भाटागांव बसस्टैंड के तीसरे माले में को-वर्किंग सेंटर बनाया जा रहा है। इन दिनों यहां फर्नीचर का काम चल रहा है। कारीगरों ने बताया कि महीनेभर में काम पूरा हो जाएगा। राजधानी में अपनी तरह का यह पहला सरकारी को-वर्किंग सेंटर है। इसका उद्घाटन चुनाव के बाद होगा। इसी तरह जय स्तंभ चौक स्थित मल्टीलेवल पार्किंग के ऊपर 100 सीटर स्टार्टअप सेंटर का काम चल रहा है। को-वर्किंग सेंटर का नाम उद्भव रखा गया है जबकि स्टार्टअप सेंटर का नाम आरंभ।
टेंडर निकाला जाएगा

को-वर्किंग सेंटर के इंचार्ज सोहन गुप्ता ने बताया कि इसे हम निजी हाथों को सौंप देंगे। वे तय करेंगे कि पर सीट कितना चार्ज किया जाएगा। वैसे हमारी तरफ से मिनिमम 500 रुपए रहेगा, टेंडर में इससे ज्यादा रकम भरने वाले को प्राथमिकता दी जाएगी। जो कंपनी इसे हायर करेगी वह दो-तीन सौ ज्यादा लेकर स्टार्टअप वालों को देगा।

इसलिए पड़ी जरूरत

गुप्ता ने कहा कि यह पहल हमारे कमिश्नर सर की है। वे चाहते हैं कि राजधानी में बिजनेस कल्चर को बढ़ावा मिले। ताकि ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्टर आकर्षित हों। इसका असर हमारी जीडीपी पर भी होगा।
कौन हो सकता है शामिल

गुप्ता के मुताबिक को-वर्किंग सेंटर में उन इनोवेटिव युवाओं को मौका मिल सकेगा जिनका स्टार्टअप, स्टार्टअप इंडिया में रजिस्र्ड हो। यहां ऐसे स्टार्टअप को ट्रेनिंग देने के साथ ही आगे बढऩे का रास्ता भी बताया जाएगा। गुप्ता का मानना है कि अगर कोई क्राइटेरिया न रखें तो हर कोई 6-7 सौ रुपए देकर स्थान पाना चाहेगा।

गर्ल्स के लिए अलग स्पेस

उद्भव और आरंभ के जरिए हम ऐसे लोगों को एक सर्वसुविधायुक्त प्लेटफॉर्म देना चाहते हैं जिससे उन्हें बेहतर बिजनेस माहौल मिले। स्टार्टअप स्टूडियो के तहत गाइडेंस भी दिया जाएगा। गर्ल्स के लिए अलग से स्पेस होगा। इस काम में जिला प्रशासन का सहयोग मिल रहा है।
अबिनाश मिश्रा, निगम कमिश्नर

अच्छा इनिशिएटिव है

छत्तीसगढ़ में टैलेंट की कमी नहीं है। एक अच्छा माहौल मिल जाए तो स्टार्टअप को रफ्तार मिल सकती है। बिजनेस कल्चर को बढ़ावा देने के मकसद से किया जा रहा यह प्रयास सराहनीय है।
राजीव राय, स्टार्टअप एक्सपर्ट

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