इस तुलना में देखा जा तो १ नवंबर से खरीदी शुरू हुई है जिसमें अब तक की स्थिति में जिले के १७ सौ किसानों ने धान का विक्रय किया है। जबकि जिले में करीब ६८ हजार किसानों का पंजीयन हुआ है इस हिसाब से देखा जाए तो १ नवंबर से अभी तक में काफी कम मात्रा में धान की आवक हो पाई है। विदित हो कि खरीदी शुरू होने के सप्ताह भर बाद तक की स्थिति में देखा जाए तो जिले के आधा दर्जन समितियों में ही धान की आवक हो पाई थी। गौर किया जाए तो जिन ४२ केंद्रों में खरीदी शुरू हो गई है उन केंद्रों में ग्रामीण क्षेत्र के केंद्र शामिल है। नगरीय क्षेत्रों के केंद्रों में अभी तक किसान नहीं पहुंच पाए हैं जिसके कारण ऐसे केंद्रों को बोहनी का इंतजार है।
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किसानों की माने तो खेतों में धान तो तैयार हो गया है, लेकिन चुनाव होने के कारण लेबर वर्ग के लोगों की कमी पड़ गई है। इसके कारण किसानों का काम नहीं हो पा रहा है और किसान धान को समितियों तक नहीं ले जा पा रहे हैं। किसानों को एक दिन पहले ही धान विक्रय करने के लिए टोकन लेना होगा। समितियों में जिस दिन किसान का टोकन कटेगा उसके दूसरे दिन ही उक्त किसान धान का विक्रय कर पाएगा।
फैक्ट फाइल
कुल समिति जिले में – 79
खरीदी की गई समिति – 42
समितियों में हुई खरीदी – 61 हजार क्विंटल
-जिले के ४२ समितियों में बोहनी हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान समितियों से टोकन धान विक्रय करने के लिए ले रहे हैं। जल्द ही अन्य समितियों में भी बोहनी होगी। एसके गुप्ता, डीएमओ, विपणन विभाग