कई बार इस चक्कर में अभिभावक बगैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में मोटी फीस जमा कर प्रवेश करा देते हैं और बाद में पता चलने पर बच्चे का एक साल खराब होता है, लेकिन इन सारी बातों को नजरअंदाज करते हुए शिक्षा विभाग अपना अलग ही राग अलाप रहा है।
बाद में किया जाता है अपील
शिक्षा विभाग जून-जुलाई में यह अपील करता है कि अभिभावक अपने बच्चों का प्रवेश प्राइवेट स्कूलों में कराने के पूर्व वहां के मान्यता के बारे में जानकारी ले लें। जबकि गौर किया जाए तो तब तक प्रवेश की पूरी प्रक्रिया खत्म हो गई होती है।
तीन साल से कर रहे हैं प्रयास
पिछले तीन साल से यह प्रयास किया जा रहा है कि प्राइवेट स्कूलों के मान्यता रिन्युवल करने व नवीन मान्यता देने का काम प्रवेश प्रक्रिया के पहले हो जाए लेकिन इसमें विभाग को सफलता नहीं मिल रही है। जिसके कारण आम अभिभावक परेशान हो रहा है।
निर्देश देकर भूल गया विभाग
दो साल पहले शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों को एक निर्देश दिया था जिसमें स्कूल के नोटिस बोर्ड में मान्यता से संबंधित दस्तावेज की प्रति चस्पा करने के लिए कहा गया था लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है।
अभिभावकों को कई बार मिला है धोखा
पिछले सत्र शहर के मि_ुमुड़ा में कृष्णा पब्लिक स्कूल में सीबीएस से मान्यता न होने के बाद भी 12 वीं कक्षा में प्रवेश लेकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। बाद में मान्यता के अभाव में उक्त बच्चों को सीजी बोर्ड का परीक्षा फार्म भराया जा रहा था।