आज देश में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव से आम आदमी को अगर फायदा मिल रहा है तो कहीं पर नुकसान भी ज्यादा हो रहा है। इसी प्रकार आजकल हर जगह पत्रकारों की एक बाढ़ सी आ गई है। जिले के सभी क्षेत्रों में बेरोजगार नवयुवकों को पत्रकार बनाने के नाम पर रुपये ऐंठने वाले एक गिरोह का पुलिस ने भडाफोड़ किया है। पुलिस ने इसके मुखिया सहित पांच कथित पत्रकारों को दबोचा है। जांच पड़ताल में फर्जी मिलने पर सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जिले के सहायक सूचना निदेशक ने इन सभी कथित पत्रकारों की पहले पूरी जानकारी की इसके बाद मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
नवयुवकों से डेढ़ से दो हजार रुपये वसूल रहे
रायबरेली के सहायक सूचना निदेशक प्रमोद कुमार ने बताया कि शिकायत मिली थी कि कुछ लोग पत्रकार बनाने के नाम पर बेरोजगार नवयुवकों से डेढ़ से दो हजार रुपये वसूल रहे हैं। यही नहीं यह लोग ग्राम प्रधानों व अन्य कर्मचारियों पर धौंस जमा कर परेशाान कर रहे है।जानकारी होने पर डीएम ने जांच के निर्देश दिए थे। पुलिस उन्हें तलाश कर रही थी। अचानक समाधान दिवस के मौके पर कथित पत्रकार पहुंच गए थे। जिनको पुलिस बहाने से थाने ले आई, जहां पूछताछ में तथाकथित पत्रकार ने पुलिस को बताया कि वह एक न्यूज चैनल के लिए कार्य करता है और ब्यूरो चीफ है। लेकिन सूचना निदेशक व पुलिस की जांच पड़ताल में उसकी बात झूठी निकली।
बाद में पुलिस ने तथा कथित पत्रकार अनुज शर्मा निवासी रेटावली रामपुर जिला जालौन समेत मंजीत कुमार निवासी छोटी करेटी थाना नवाबगंज जिला प्रतापगढ़, अनिल कुमार निवासी कंदरावा व रोशन लाल निवासी ऐहारी बुजुर्ग दोनो थाना उंचाहार विकास चन्द निवासी नेवल थाना गदागंज के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी अनुज शर्मा अपने को एक न्यूज चैनल का ब्यूरो चीफ बताता था। जबकि अनिल कुमार 500 रुपये रोज पर कैमरा लेकर चलता था। सभी लोग चार पहिया वाहन सेनिकलते थे। इनके झांसे में तमाम लोग आते थे।
पुलिस को गिरफ्त में आने से फूटा भांडा
बेरोजगारों को पत्रकार बनाने के लिये 15 सौ रुपये लेते थे। क्षेत्र के प्रधान, कुछ अधिकारी व कर्मचारी समेत क्षेत्र के कोटेदार व झोलाछाप डाक्टर इनके निशाने पर रहते थे। लेकिन कुछ ही महीनों में पुलिस को गिरफ्त में आने से इनका भांडा फूट गया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर सभी को जेल भेज दिया हैं। वहीं मामले की पड़ताल में और भी खुलासे हो सकते है। सीओ विनीत सिंह ने बताया कि कथित पत्रकारों को जेल भेज दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।