रायबरेली कोच फैक्ट्री में आधुनिक बोगियों का उत्पादन की क्षमता दोगुनी से तीन गुनी होगी। वित्तीय वर्ष 2020-21 में यहां बोगियों की उत्पादन एक हजार से बढ़ाकर दो हजार किया जाएगा। रेलवे इसके लिए 480 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है। आने वाले समय में यहां तीन हजार बोगियों का उत्पादन हर वर्ष होगा। इन स्मार्ट बोगियों में ब्लैक बॉक्स, आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, सीसीटीवी और सेंसर तकनीक होगी। यह सेंसर बोगी के एक्सल और बेयरिंग की गड़बड़ी, पहियों और पटरियों में की भी निगरानी करेगा। किसी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर इसकी जानकारी कंट्रोल रूम को दी जाएगी। बता दें कि भारतीय रेलवे की सात प्रोडक्शन यूनिट हैं। जिसमें चितरंजन लोकोमोटिव वक्र्स, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, डीजल लोकोमोटिव वक्र्स, डीजल मार्डनाइजेशन वक्र्स, व्हील व एक्सल प्लांट और माडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली है। आधुनिक तकनीक अपनाने और इनको लाभ में लाने के लिए रेलवे इन वर्कशॉप का निगमीकरण करेगा। यह सभी प्रोडक्शन यूनिट इंडियन रोलिंग स्टाक कंपनी के अधीन काम करेंगी। जहां शुरुआत रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री से होगी। फैक्ट्री को 100 दिन के भीतर इंडियन रेलवे रोलिंग स्टाक कंपनी अधिग्रहित करेगी।