रायबरेली सदर तहसील के दरियापुर में निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में एक कम्पनी के नाम से नौकरी के आवेदन जमा कराये जाने लगे। ओपीडी में भर्ती की सूचना जंगल में आग की तरह चारों ओर फैल गयी। गेट के अंदर दवा वितरण काउंटर के पास देखते ही देखते सैकड़ों बेरोजगार लोग इकट्ठे हो गए। लगभग 50 लोगों ने अपने प्रमाण पत्रों की छायाप्रति जमा भी कर दिया था।
समाजसेवी रमाशंकर पांडे मानवाधिकार के धर्मेन्द्र और नवनीत ने इसकी जानकारी मीडिया को दी। घटनाक्रम के कुछ देर बाद थानाध्यक्ष भदोखर अशोक त्रिपाठी और चैकी इंचार्ज लक्ष्मी नारायण द्विवेदी फोर्स के साथ पहुंचे। फार्म जमा करा रहे व्यक्ति से पूछताछ की, उसने अपना नाम राजेंद्र बताया। उसने कहा कि सुदर्शन सिक्योरिटी कंपनी के अधिकारी एमके मिश्रा के कहने पर यह फार्म जमा करा रहा था। फिलहाल मामला एम्स से जुड़ा था तो जिलाधिकारी संजय खत्री, सीएमओ डीके सिंह और एसडीएम सदर प्रदीप वर्मा भी मौके पर जा पहुंचे और पूरे प्रकरण की गहनता से पूछताछ की। पकड़े गए व्यक्ति के खिलाफ कानूनी लिखापढ़ी करके जेल भेजे जाने के लिए कहा। इसके बाद डीएम ने ओपीडी का निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने ओपीडी के रखरखाव और सुरक्षा के प्रति गंभीरता बरतने के लिए कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को चेतावनी दी। उन्होंने द्वितीय फेज के प्रतावित नक्शे को देखते हुए निर्माणाधीन कार्य का भी निरीक्षण किया। उन्होंने लैब में जाकर निर्माण में प्रयोग की जा रही सामाग्री का भी अवलोकन किया और कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को गुणवत्तापरक सामाग्री उपयोग में लिए जाने के लिए निर्देशित किया। इस दौरान एचएससीसी के देवदत्त तथा कार्यदायी संस्था के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।