scriptमिटटी के दीपक लोंगो की जिंदगी में लाएंगे नई रोशनी | Lamps will bring new light in the life of Longo | Patrika News

मिटटी के दीपक लोंगो की जिंदगी में लाएंगे नई रोशनी

locationरायबरेलीPublished: Nov 01, 2018 05:05:06 pm

Submitted by:

Madhav Singh

मिटटी के दीपक लोंगो की जिंदगी में लाएंगे नई रोशनी , अधुनिक समय में मिटटी की जगह ली चाईनीज दीपक और झालरों ने, प्रदूषण में कम नुक्सान करते है तेल का दीपक

 जिंदगी में लाएंगे नई रोशनी

मिटटी के दीपक लोंगो की जिंदगी में लाएंगे नई रोशनी

रायबरेली। देश में हम हर साल दीपावली मनाते हैं। घर,आंगन,बस्ती,गांव में सबकुछ रोशनी से जगमगा जाया करता है। हम सभी लोग मिट्टी के दीये में स्नेह की बाती और परोपकार का तेल डालकर उसे जलाते हुए अपने देश की भारतीय संस्कृति को गौरव और सम्मान देते चले आ रहे है, क्योंकि दीया भले मिट्टी का हो मगर वह हमारे जीने का आदर्श में शामिल हो चुका है। लेकिन अब धीरे-धीरे बदलते समय के अनुसार हम लोगों की सोच भी बदलती जा रही है। जिससे मिटटी के बर्तनों और दीपक की जगह इलेक्ट्रानिक के समानों ने ले ली है। जिससे मिटटी के काम करने वालों पर एक सकंट मड़राने लगा है। इस पर सरकार और आम जनता को सोचना चाहिये।
अधुनिक समय में मिटटी की जगह ली चाईनीज दीपक और झालरों ने

दीपावली को हम प्रकाश पर्व के नाम से भी जानते हैं। समय बीतने के साथ ही दीपावली के महान पर्व पर लोग अपने-अपने घरों में दीपक की जगह चाइनीज लाइटों का ज्यादा प्रयोग करने लगे हैं। इसकी वजह से मिट्टी की कारीगरी करने का पुश्तैनी धंधा कर रहे कुम्हारों का रोजगार छिनने लगा है।
शहर कस्बे के शब्बीर अली ने बताया कि चाइनीज लाइटों के प्रचलन से पूर्व दीपावली का त्योहार आते ही करीब 2 माह पहले से मिट्टी की दिवालियां बनाने का कार्य चालू हो जाता था। त्योहार आने तक कुम्हारों को हजारों रुपए का मुनाफा मिल जाता था, जिससे उनके परिवार का अच्छे से भरण-पोषण होने लगता था और बच्चों की पढ़ाई लिखाई की फीस भी आराम से जमा हो जाती थी।
अब आधुनिक समय के अनुसार चाइनीज लाइटों का प्रचलन बढ़ने के साथ ही कुम्हारों का रोजगार धीरे-धीरे कम होता जा रहा है।
प्रदूषण में कम नुकसान होता है तेल का दीपक

दीपावली के त्योहार पर सरसों के तेल का दीपक घर के चारों तरफ जरूर जलाना चाहिए, जिससे लक्ष्मी जी घर पर आती हैं। वहीं दूसरी तरफ सरसों के तेल का दीपक पर्यावरण को शुद्ध कर प्रदूषण को नष्ट करता है। दीपावली के दिन पटाखों की वजह से निकलने वाला जहरीला धुआं हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है। सरसों के तेल का दीपक घर में लगाने की वजह से जहरीला धुआं नष्ट होता है और हमें शुद्ध वायु मिलती है।
दीपावली का त्योहार आते ही प्रत्येक वर्ष चाइनीज लाइटों का दाम दिन-ब-दिन बढ़ता और मिट्टी की दीवालियों का दाम सस्ता होता जा रहा है। इसके बाद भी लोगों का मोह चाइनीज लाइटों से नहीं कम नहीं हो रहा है। वैैसे तो मिट्टी की दीवाली 20 से 25 रुपए में 100 पीस, मिट्टी का करवा 20 रुपए में एक पीस, मिट्टी का मटका 50 से 80 रुपए में एक पीस है। वहीं चाइनीस लाइटों का दाम 100 रुपए से लेकर 250 रुपए प्रति पीस है।
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