सलोन थाना क्षेत्र के एक गांव की एक युवती ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया कि लगभग छह वर्ष पूर्व से गांव से थोड़ी दूर पर रहने वाले युवक यह कहकर लगातार उसके साथ दुराचार करता रहा कि वह उसके साथ शादी करेगा। कई वर्ष बीत जाने के बाद जब युवक ने उससे शादी करने से इंकार कर दिया तो युवती ने मामले की तहरीर कोतवाली पुलिस को दी, लेकिन कोतवाली पुलिस ने मामला फर्जी बताते हुए युवती को कोतवाली से भगा दिया और पीड़िता की शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
कोतवाली से न्याय न मिलने के कारण थक हार कर पीड़िता ने एसपी सुजाता सिंह से न्याय की गुहार लगाई। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सलोन कोतवाल को जमकर फटकार लगाते हुए मामला दर्ज करके जांच करने के निर्दश दिए। एसपी की फटकार के बाद हरकत में आई कोतवाली पुलिस ने युवती की तहरीर पर युवक व उसके परिजनों के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज करते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
थाने के मामले की सुनवाई पुलिस अधीक्षक कार्यालय में-
योगी सरकार तो पुलिस विभाग में करोड़ो रुपये का बजट खर्च करती है, लेकिन पुलिस अपनी पुरानी रणनीती और कार्य को बदलना नहीं चाहती है। जिले की जनता अपराधों के मामले में ज्यादातर थानों में सुनवाई की उम्मीद करती है, लेकिन ज्यादातर थानाध्यक्ष जनता को न्याय दिलाने में आनाकानी करते नजर आते हैं। इसी कारण जनता जिले के पुलिस अधिक्षक के पास न्याय की गुहार लगाते नजर आते हैं। जब एसपी इन मामलों पर थानाध्यक्ष को फटकार लगाते हैं तब जाकर जनता को न्याय मिलता है। देखा जाये तो अभी भी पुलिस और आम जनता का मित्र वाला व्यवहार कोसों दूर दिखाई पड़ रहा है।