बाल कल्याण अधिकारी ममता दुबे का आरोप है कि स्कूल के प्रबंधक बच्चों को उनके खिलाफ उकसाते हैं। उन्होंने प्रबंधक पर उत्पीड़न और पूरा वेतन न देने के गंभीर आरोप लगाए। रायबरेली की पूर्व जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने मामले की जांच कराने के आदेश दिए। साथ ही महिला को संस्था में काम करने के भी निर्देश दिए।
यह है पूरा मामला सोमवार को कक्षा में पढ़ा रहीं बाल कल्याण अधिकारी ममता दुबे पर किसी बात को लेकर बच्चे भड़क गए और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। छात्रों ने शिक्षिका पर कुर्सी से भी वार किया। वह किसी तरह कक्षा से बचकर बाहर निकलीं। सूचना मिलने पर संस्था के प्रबंधक अरुण कुमार मिश्र और जिला प्रोबेशन विभाग से बाल संरक्षण अधिकारी वीरेंद्र पाल वहां आए और मामला शांत कराने का प्रयास किया।
बच्चों ने लगाए गंभीर आरोप बच्चों ने आरोप लगाया कि ममता दुबे उन्हें अनाथ कहकर पुकारती हैं। यही नहीं बल्कि उनकी पढ़ाई और खेलने कूदने पर भी रोकटोक करती हैं। इस वजह से उन्होंने मारपीट की। वहीं, पीड़िता का कहना है कि प्रबंधक से उनका विवाद चल रहा है। उन्हें बिना वजह नौकरी से निकाल दिया गया था। डीएम नेहा शर्मा से शिकायत करने पर उन्हें वापस नौकरी पर रख लिया गया। लेकिन स्कूल प्रबंधक ने उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। जब डीएम का तबादला हो गया तो उन्होंने बच्चों को भड़काकर उन पर हमला करवाया। पीड़ित शिक्षिका ने मामले की शिकायत सिटी मजिस्ट्रेट से की।