पुलिस ने पूर्व विधायक गजाधर सिंह, आरएसएस के भानु प्रताप सिंह, महाराजगंज ब्लॉक प्रमुख सत्येंद्र सिंह, ब्लॉक प्रमुख सत्येंद्र के जीजा विनोद सिंह, राकेश सिंह, वाणिज्य कर कमिश्नर सत्येंद्र सिंह गौतम, निखिल सिंह, लाखन सिंह, दिनेश चौधरी, अनामिका, आरबी सिंह, मिंटू सिंह, काशी सिंह, राजेश्वरी सिंह, नीलम के खिलाफ गैंगरेप और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने जांच शुरु कर दी है। माना जा रहा है कि जांच के बाद जल्द ही गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पीड़िता ने आरोप लगाया कि फोन करके सुलह के लिए धमकाया जा रहा है। उसे इंसाफ चाहिए। गैंगरेप पीड़िता पीड़िता के मुताबिक अब तक किसी आरोपी को नहीं पकड़ा गया है। आरोपी उसके मोबाइल पर फोन करके मामले में सुलह करने के लिए उसे धमका रहे हैं। उसके खिलाफ पुलिस से मिलकर फर्जी एफआईआर लिखवा दी गई है। पुलिस आरोपियों को बचाने का कार्य कर रही है। पुलिस और आरोपियों की लाख कोशिशों के बावजूद वह न्याय के लिए आवाज उठाएगी। उसे इंसाफ चाहिए।
आत्मदाह का किया था प्रयास
बता दें कि मुख्यमंत्री आवास के सामने पिछले सोमवार को रायबरेली से आई युवती ने आत्मदाह का प्रयास किया था। दो बेटियों को साथ लिए महिला ने खुद पर मिट्टी का तेल डाल लिया था। सीएम आवास के बाहर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने मौके पर पहुंच कर महिला की जान बचाई थी। इंदिरा नगर, रायबरेली की रहने वाली महिला ने बड़ी बहन और मां के साथ सामूहिक दुष्कर्म और आत्महत्या के उकसाने का आरोप लगाया था कि पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। लखनऊ में उच्चाधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया और पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने गैंगरेप और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज कर लिया, हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
पीड़िता पर हत्या करने का आरोप
उधर पीड़िता की भाभी ने भी उसके खिलाफ सदर कोतवाली में पति समेत 5 लोगों की हत्या का केस दर्ज कराया है। एफआईआर में भाभी ने कहा है कि उसकी ननद ने धन-संपत्ति के लालच में अपने पति, माता, पिता तथा मेरी ननद की हत्या कराई है। यही नहीं उसके पति को भी जहर देकर मार दिया। भाभी ने मामले की उचित जांच करके कार्रवाई किए जाने की मांग की है। पुलिस ने इस मामले की जांच भी शुरू कर दी है।
वहीं मामले में पीड़िता का कहना है कि उसके भाई की शादी नहीं हुई थी। जिस महिला ने उसके खिलाफ कोतवाली में हत्या की एफआईआर लिखाई है, वह उसकी भाभी नहीं है। उसके भाई अजय प्रताप सिंह की शादी ही नहीं हुई थी। महिला ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं। पीड़िता का कहना है कि उसके पास सारे सबूत हैं कि महिला उसकी भाभी नहीं है। यह सब महिला नौकरी हथियाने के लिए कर रही है। पर उसका मंसूबा कभी पूरा नहीं होगा। वह इंसाफ की लड़ाई लड़ती रहेगी। पीड़िता का आरोप है कि इन्ही लोगों ने एक साल पहले उसके भाई की हत्या करायी थी, जिसका विरोध करने पर मां और बड़ी बहन के साथ बलात्कार किया गया। लोकलाज के भय से उन दोनों ने आत्महत्या कर ली थी और अब यही लोग उसकी हत्या भी करना चाहते हैं।
मामले में अपर पुलिस अधीक्षक शशि शेखर सिंह ने बताया कि गैंगरेप पीड़िता की तहरीर पर पूर्व विधायक गजाधर सिंह, वाणिज्य कर कमिश्नर समेत 15 लोगों के खिलाफ गैंगरेप करने और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच सदर कोतवाल अशोक सिंह कर रहे हैं। जांच में मामला सही पाए जाने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं भाभी की तहरीर पर भी गैंगरेप पीड़िता पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। इस मामले की भी जांच कराई जा रही है।