दूसरी घटना नांदगांव बुद्रुक की है, जहां चेतन बच्छाव (23) गले में फंदा लगा जान दे दी। चेतन अविवाहित था, उसके ऊपर स्थानीय विकास संस्था के 65 हजार और एक निजी वित्तीय संस्था के सवा पांच लाख रुपए उधारी थी। तीसरी घटना सायने गांव की है। यहां पर वसंत सोनवणे (45) ने आत्महत्या करने के लिए जहर पी लिया। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। उसके ऊपर स्थानीय विकास संस्था का डेढ़ लाख और घरकुल योजना के तहत लिया गया 1 लाख रुपए का कर्ज था। उनके परिवार में पत्नी और दो पुत्र हैं।