अनुबंधित कंपनी सिम्पलेक्स के अफसर आए दिन पत्र के माध्यम और व्यक्तिगत रूप से जेडीए निदेशक व जेडीसी दोनों को परेशानी होने का तर्क देते रहे हैं। इस मामले में पिछले दिनों जेडीसी वैभव गालरिया के साथ बैठक भी हुई, इसके बावजूद विवाद बना हुआ है। हालांकि, जेडीसी साफ कर चुके हैं कि यह केन्द्र का विषय है इसलिए जेडीए स्तर पर कुछ नहीं हो सकता।
निर्माण लागत बढऩे का दबाव?
कंपनियों ने जीएसटी के कारण निर्माण लागत बढऩे का तर्क दिया है और अंतर राशि का वहन जेडीए स्तर पर करने की मांग की। उनका कहना है कि जो लागत बढ़ी है, उतना तो लाभ ही नहीं हैं। घाटे में काम नहीं हो सकता। पहले खुद लेट, अब कहा समय पर कर दो कामबस्सी, जाहोता, आनंदलोक सहित कई आरओबी, आरयूबी प्रोजेक्ट में भूमि विवाद के कारण का समय पर शुरू नहीं हो सका।
कंपनियों ने जीएसटी के कारण निर्माण लागत बढऩे का तर्क दिया है और अंतर राशि का वहन जेडीए स्तर पर करने की मांग की। उनका कहना है कि जो लागत बढ़ी है, उतना तो लाभ ही नहीं हैं। घाटे में काम नहीं हो सकता। पहले खुद लेट, अब कहा समय पर कर दो कामबस्सी, जाहोता, आनंदलोक सहित कई आरओबी, आरयूबी प्रोजेक्ट में भूमि विवाद के कारण का समय पर शुरू नहीं हो सका।
कई जगह शुरू हुआ, लेकिन रफ्तार मंद पड़ गई। कई माह बाद कुछ जगह जमीन? विवाद पिछले दिनों ही खत्म हुआ है। ऐसे प्रोजेक्ट की शुरुआत तो समय पर नहीं हुई, लेकिन काम निर्धारित मियाद में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य रूप से एलीवेटेड रोड बना रही कपंनी जीएसटी के कारण बढ़े टैक्स का भुगतान जेडीए स्तर पर करने की मांग कर रही है। इसके अलावा कुछ कंपनियां और हैं। सभी को स्पष्ट कर दिया है कि यह विषय जेडीए का नहीं है।
– बी.के. शर्मा, निदेशक (वित्त), जेडीए
– बी.के. शर्मा, निदेशक (वित्त), जेडीए