गोचर भू्मि पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए जुर्माने व सजा के प्रावधानों में बदलाव किया जाएगा
जयपुर। गोचर भू्मि पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए जुर्माने व सजा के प्रावधानों में बदलाव किया जाएगा। जुर्माना बढ़ाने के साथ कैद की सजा को भी बढ़ाया जाएगा। यह निर्णय सोमवार को गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के नेतृत्व में हुई मंत्रीमंडलीय उप समिति की बैठक में लिया गया।
इस दौरान गोचर भूमि की वस्तुस्थिति को लेकर 28 राज्यों की रिपोर्ट भी पेश की गई थी। अभी अन्य जिलों से और रिपोर्ट आनी है। बैठक में सामने आया कि जुर्माना वसूलने के बाद भी गोचर भूमि पर अतिक्रमण में कमी नहीं आई है। अभी लगान राशि का 50 गुना जुर्माना है। बार-बार अतिक्रमण का आरोप साबित होने पर तीन साल की सजा का भी प्रावधान है। बैठक में राजस्व मंत्री अमराराम व सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक भी शामिल थे।
गैर जिम्मेदार बिल्डरों की नकेल है ‘रेरा’ बिल्डरों की मनमानी रोकने के लिए बनाया गया रीयल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी अधिनियम (रेरा) एक तरफ जहां मकान खरीदने वालों की हितों की रक्षा करता है तो दूसरी तरफ कई गैर जिम्मेदार बिल्डरों के कामकाज को भी ठप कर सकता है।
ऐसा कहना है अरेबियन कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रबंध निदेशक अनी रे का। उन्होंने कहा, “भारत का रेरा कानून दुबई और अमेरिकी मॉडल पर आधारित है। वहां जब 2009 में पहली बार रेरा लागू हुआ था तो कई कंपनियों को अपना कामकाज बंद करना पड़ा था।”