प्रदर्शन कर रहे रेलवे के रनिंग स्टॉफ ने बताया कि वे पांच मागों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।जिसमें रनिंग स्टॉफ के वेतन का निर्धारण 14.29 फीसदी के मुताबिक किया जाए। रनिंग अलाउंस 1980 के अनूसार माइलेज का निर्धारण किया जाए। सहायक लोको पायलट के लिए काला कानून टूल बैग को ढोना को वापस लिया जाए।भाटापारा में रिलीफ करके दूसरे ट्रेन का दबाव बंद हो।कोचिंग लिंक में इंटरसिटी यथावत रहे। इस मांग को लेकर बीएमवाय लॉबी में रनिंग स्टाफ ने सुबह १० बजे से प्रदर्शन शुरू किया।
लोको पायलटों ने बताया कि इसमें अहम विषय किलोमीटर रेट का है, जिसे रनिंग अलाउंस कहा जाता है।फेडरेशनों के प्रयासों से ६ वीं सीपीसी में जो 295 की जगह दोगुना 16 9 आया था (आरबीई – 20२/2008 ) क्योंकि दोनों यूनियन ने टीए रेट जो 105 थी, उसका दोगुना होना माना था, इसका मतलब 210, लेकिन जब टीए का रेट आया तो वह 340 रुपए था।यहां रनिंग स्टाफ को इन लोगों ने नुकसान पहुंचाया।
आरएसी 198 0 के फॉर्मूला के लिए रेलवे बोर्ड पर दबाव नहीं बनाया, जो कि वैज्ञानिक तौर पे स्थापित था। रनिंग स्टाफ के लिए सातवें पे कमीशन में फिर से वही धोखाधड़ी न हो उसके लिए यह संघर्ष अहम है।
कर्मियों ने कहा कि एएण्डसी १०७ के काले कानून को खत्म करने के लिएयह लड़ाई अहम है।इसमें रनिंग स्टाफ पूरी ताकत लगा रहा है।डीआरएम, रायपुर मंडल राहुल गौतम से मांग की जाएगी, कि रनिंग स्टाफ की सभी मांगों को पूरा करवाया जाए।