दरअसल, दोनों दंपति को उनके ही बेटे ने संपत्ति के लालच में अलग करा दिए थे। तकरीबन एक साल दोनों अलग- अलग रहे लेकिन शनिवार को अदालत ने दोनों के बीच समझौता कराकर एक करा दिया। अदालत में मौजूद सभी लोगों के सामने दंपती ने सारे गिले-शिकवे को मिटाकर एक- दूसरे को माला पहनाया और फिर से साथ रहकर संकल्प लिया।
दोनों बेटों के नाम कर दी आधी- आधी संपत्ति
उन्होंने कहा कि उनके बीच कोई अलगाव नहीं है। बस संपत्ति के लालच में बीते एक साल पहले बेटों ने ही दोनों को अलग-अलग करा दिया था। दोनों ने अदालत में मन की बात कही और आधी- आधी संपत्ति दोनों बेटों के नाम कर दी। ये मामला कंधई थानाक्षेत्र के पाठक का पुरवा, किशुनगंज का है।
किशुनगंज के पाठकपुरवा के रहने वाले शिवप्रसाद पाठक और उनकी पत्नी प्रभु देवी बीते एक साल से अलग-अलग रह रहे थे। 2010 में लोकनिर्माण विभाग के सुपरवाइजर पद से रिटायर्ड शिवप्रसाद पाठक को बेटों ने ही संपत्ति के बंटवारे को लेकर पत्नी से अलग करा दिया था। इतना ही नहीं मां को साथ रह रहे छोटे बेटे ने तो मां की ओर से पिता के विरुद्ध धारा 25 के तहत हर्जाखर्चा देने का मुकदमा भी दर्ज कराया था। दोनों का मामला कोर्ट पहुंचा, जहां पर दोनों एक बार फिर एक हो गए।