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प्रतापगढ़

बाहुबली राजा भैया को अपने ही गढ़ में देनी होगी अग्नि परीक्षा, भाई अक्षय प्रताप को दो बार हार चुके हैं चुनाव

राजा भैया ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल बनायी है और अपने चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह को प्रत्याशी भी घोषित किया है

प्रतापगढ़Jan 03, 2019 / 01:13 pm

sarveshwari Mishra

Bahubali Raja Bhaiya

Bahubali Raja Bhaiya

प्रतापगढ़. लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में सियासी सरगर्मी तेज है। 2019 लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बाहुबली राजा भैया व मायावती आमने-सामने आ सकते हैं। यूपी में पीएम नरेन्द्र मोदी को रोकने के लिए राहुल गांधी, मायावती व अखिलेश यादव ने महागठबंधन बनाने का ऐलान किया है तो दूसरी तरफ राजा भैया ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल बनायी है और अपने चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह को प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। लोकसभा चुनाव 2014 में इस सीट पर अपना दल ने विजय हासिल की थी और दूसरे नम्बर पर बसपा प्रत्याशी थे ऐसे में महागठबंधन में यह सीट बसपा को मिल सकती है यदि ऐसा हुआ तो एक बार फिर राजा भैया व मायावती आमने-सामने आ जायेंगे।

कुंडा विधानसभा क्षेत्र सीट से लगातार 25 वर्षों से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की नई राजनैतिक पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में बसपा को छोड़कर अन्य किसी भी राजनैतिक दल से गठबंधन कर सकती है। विधान परिषद सदस्य अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी ने मंगलवार को गोंडा के सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि उनकी नई पार्टी मुद्दों पर आधारित गठबंधन करेगी लेकिन वह मायावती के साथ कतई नहीं जायेंगे। आगामी 30 नवंबर को लखनऊ के रमाबाई मैदान में राजा भइया अपनी नई राजनैतिक पार्टी का ऐलान करेंगे।

2014 और 2009 में कांग्रेस को मिली थी जीत
प्रतापगढ़ सीट पर अपना दल के हरिवंश सिंह सांसद है। वर्ष 2014 में दूसरे नम्बर पर बसपा के आसिफ निजामुद्दीन सिद्दीकी थी। 2009 की बात की जाये तो कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमारी रत्ना सिंह को इस सीट से जीत मिली थी। इस साल भी बीजेपी दूसरे नम्बर पर थी। जबकि 2004 में राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह को सपा ने प्रत्याशी बनाया था और अक्षय प्रताप सिंह ने चुनाव भी जीता था।

राजकुमारी रत्ना सिंह ने 2009 में राजा भैया के भाई अक्षय प्रताप को हराया था। राजकुमारी को 1,69,137 और अक्षय प्रताप को 1,21,252 मत मिले। अक्षय चुनाव में तीसरे नंबर पर थे। यह चुनाव इसलिए भी रोचक था कि बाहुबली अतीक अहमद भी मैदान में थे। वे अपना दल के प्रत्याशी थे, लेकिन उन्होंने इस चुनाव में हार का सामना किया था और चौथे नंबर पर आए। दूसरे नंबर पर बसपा के प्रोफेसर शिवाकांत ओझा थे। वहीं 2014 में कुंवर हरिवंश सिंह ने 375789 वोट पर जीत हासिल की थी।
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