scriptअमर्यादित आचरण ही दुखों का कारण : उत्तम स्वामी | Unreasonable conduct is the cause of suffering: Best master | Patrika News

अमर्यादित आचरण ही दुखों का कारण : उत्तम स्वामी

locationप्रतापगढ़Published: Aug 17, 2019 08:24:14 pm

Submitted by:

Hitesh Upadhyay

– राम कथा में हजारों श्रद्धालु उमड़े

pratapgarh

अमर्यादित आचरण ही दुखों का कारण : उत्तम स्वामी

प्रतापगढ़. ध्यान योगी उत्तम स्वामी ने कहा कि अमर्यादित जीवन दुखों का कारण है। जो इंसान सत्कर्म नहीं करता और सांसारिक कार्यों में रमा रहता है। उसका भक्ति में मन नहीं लग पाता। इसके लिए अंतरंग में श्रद्धा उत्पन्न करनी होगी, तभी सतगुरु की प्राप्ति होगी।
उन्होंने यह उद्गार यहां कृषि उपज मंडी में चल रही राम कथा के दूसरे दिन अपने प्रवचन में व्यक्त किए। कथा के प्रारंभ में उन्होंने हनुमान चालीसा का संगीतमय सामूहिक पाठ करवाया।
श्री उत्तम स्वामी ने कहा कि राम नाम का एक एक जाप पाप का नाश करता है । एकैकक्षरं महापातक नाशनम्….। मानव जीवन का एक मात्र आश्रय श्री राम है।
श्री राम कथा के प्रारंभ में भगवान शिव और मुनि भारद्वाज के प्रसंग सुनाए। काकभुसुंडी ने गरुड़ जी को राम कथा सुनाई। कुम्भज ऋषि के आश्रम में राम कथा की अमृत वर्षा हुई। सीता के सती रूप धरने और राम द्वारा उन्हें पहचाने का प्रसंग सुनाया। इस प्रसंग के बाद दक्ष के यज्ञ का प्रसंग सुनाया।
संत ने कहा कि ईश्वर प्राप्ति के लिए मन का निर्मल करना पड़ता है। आपका मन निर्मल हो, सत्य हो, सत्य का संग हो, सच्चे का साथ देते हो, सच्चाई पालन करते हो, अहिंसा, दया, परोपकार, सात्विकता का पालन व्रत की तरह करते हो, तो ही ईश्वर आपके मन में ही मिल जाएगा। यही तो मानस राम चरित्र है।
कथा के प्रारंभ में मुख्य यजमान कमलेश पाटीदार व सह यजमान ओम टाक , बाबूलाल टाक, मुकेश भावसार, सुनील प्रभा शंकर भट्ट, सत्यनारायण चौधरी, रवि सोनी, विश्वेश्वर जोशी, प्रेम बाहेती, कमल सिंह गुर्जर, विकास व्यास , गजेन्द्र चण्डालिया, विमल बंसल ने उत्तम स्वामी एवं रामबाबा का पूजन माल्यार्पण किया। भंडारा प्रसादी के यजमान श्याम मित्र मंडल रहे। सिद्धेश्वर जोशी ने संचालन किया।
नानीबाई का मायरा आज
रात्रि में 8 बजे रविवार को नानी बाई का आयोजन होगा। कथा प्रतिदिन 1 से 4 बजे तक कृषि मंडी परिसर में हो रही है जिसमें बड़ी संख्या में भक्त जन भाग के रहे हैं।

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