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चिकित्सा विभाग की टीम ने किया औचक निरीक्षण

locationप्रतापगढ़Published: Feb 13, 2019 11:31:20 am

Submitted by:

Ram Sharma

दिनभर चिकित्सालयों में सघन निरीक्षण अभियान

pratapgarh

चकित्सा विभाग की टीम ने किया औचक निरीक्षण

प्रतापगढ़ जिले में चिकत्सालयों का मंगलवार को चिकित्साधिकारियों ने निरीक्षण किया और यहां सुविधाओं की जानकारी ली।
चिकित्सा विभाग की टीमों ने औचक निरीक्षण किया। जिला चिकित्सालय में सीएमएचओ डॉ. वीके जैन, पीएमओ डॉ. आर एस कच्छावा एवं डिप्टी कंट्रोलर डॉ. ओपी दायमा ने पहुंचकर लेबर रूम और प्रसूताओं से दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। इसी के साथ जिला स्तर पर गठित पांच टीमें ने एक साथ पीपलखूंट, प्रतापगढ़, अरनोद, छोटीसादड़ी और धरियावद के प्रसव केंद्रों पर औचक निरीक्षण किया। प्रसव केंद्रों की हाल सुधारने एवं व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के लिए ब्लॉक प्रभारी नियुक्त कर लेबर रूम की सुविधाओं की जांच की गई। टीम ने लेबर रूम प्रोटोकॉल के मुताबिक उपकरण, दवाईयां, स्टाफ, साफ सफाई, आईईसी के साथ ही राज्य स्तर पर उपलब्ध करवाई गई चेकलिस्ट के अनुसार व्यवस्थाओं की जानकारी ली। प्रसव केंद्रों की निगरानी के लिए मेंटर दक्षता को नियुक्त किया गया है, जो जिलेभर की प्रसव केंद्रों की हालात और रिपोर्ट की सूचना देगा। इस सूचना के आधार पर जहां व्यवस्थाओं में कमियां मिली है, वहां पर फौरन सुधारात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
बधाई के नाम पर मिठाई मांगी तो कार्रवाई
प्रसव केंद्रों पर प्रसूताओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए बधाई देकर मिठाई या फिर रिश्वत की मांग करने वाले दोषी कर्मियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी बीसीएमओ को निर्देश दिए।
हर केंद्र पर होगा फीडबैक रजिस्टर
विभाग द्वारा तय किया गया है कि प्रत्येक प्रसव केंद्रों पर प्रसूताओं और परिजनों के लिए फीडबैक रजिस्टर रखा जाएगा। जिसमें प्रसूता या फिर परिजन अपने शिकायत या फिर सुझाव लिख सकेगा। इस रजिस्टर को जिला और राज्य स्तर पर जाने वाले अधिकारी चेक करेंगे और की गई कार्रवाई से अवगत करवाएंगे।
व्यवस्था नहीं सुधारी तो गाज
स्वास्थ्य केंद्रों पर किसी भी हालात अनट्रेड स्टाफ से डिलीवरी नहीं कराने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लेबर रूम और डिलीवरी के लिए तय प्रोटोकॉल है, यदि इस प्रोटोकॉल को कोई नहीं मानता है या फिर किसी भी प्रकार से लापरवाही करता है या फिर प्रसूताओं और परिजनों से किसी भी प्रकार से दुव्र्यवहार किया जाता है तो शिकायत मिलने पर संबंधित के खिलाफ सीधे तौर पर अनुशात्मक कार्रवाई की जाएगी।
18 प्रसव केंद्र है जिले में
जिले में हर साल करीबन 17 हजार प्रसव सरकारी चिकित्सालयों में होते है। जिला चिकित्सालय सहित इसके लिए कुल 18 प्रसव केंद्र है, जहां पर डिलीवरी की सभी सुविधाएं मौजूद है।
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