लॉकडाउन में अपने गृह जिलों में चले गए कई शिक्षक, अब लौटना पड़ेगा
हर हाल में 15 तक देनी पड़ेगी उपस्थिति, बिना अनुमति गए शिक्षकों पर लटकी अनुशासनहीनता की तलावार, शिक्षा निदेशक के आदेश
लॉकडाउन में अपने गृह जिलों में चले गए कई शिक्षक, अब लौटना पड़ेगा
प्रतापगढ़. लॉकडाउन के दौरान कई शिक्षक अपने- अपने गृह जिलों में चले गए। इनमें कई शिक्षक तो ऐसे भी है, जिन्होंने मुख्यालय छोडऩे की अनुमति भी नहीं ली। अब अपना मुख्यालय छोडकऱ गए शिक्षकों को विभाग ने वापस बुलाया है। ऐसे शिक्षकों को 15 मई तक हर हाल में मुख्यालय पर उपस्थिति देनी पड़ेगी। बिना सूचना दिए गए शिक्षकों को चेतावनी दी गई है। उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की तलवार लटक गई है। ऐसे शिक्षकों को अब ग्रीष्मावकाश में उपार्जित अवकाश नहीं मिलेगा। इन शिक्षकों को अब कोरोना और अन्य कार्यों में ड्यूटी दे रहे शिक्षकों की जगह लगाया जाएगा।
स्कूल शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि लॉक डाउन में अपने गृह जिलों में गए शिक्षकों को वापस बुलाकर उनकी सूची भिजवाएं। साथ ही जो शिक्षक मुख्यालय पर रहकर कोविड-19 में रहकर ड्यूटी कर रहे हैं। उनका विकल्प तैयार कर संबंधित क्षेत्र के उपखंड मजिस्ट्रेट को सूचित करें। जो शिक्षक 15 मई तक वापस नहीं लौटेंगे, उनकी सूचना जिला शिक्षा अधिकारी उच्चाधिकारियों को देंगे ताकि उनके खिलाफ अग्रिम कार्रवाई की जा सके। जानकारों ने बताया कि अपने जिलों से लौटने वाले शिक्षकों को अब कोविड-19 की ड्यूटी में लगाया जाएगा। इसकी जगह पहले से ड्यूटी दे रहे शिक्षकों को इस ड्यूटी से राहत दी जाएगी। हालांकि इन शिक्षकों को भी मुख्यालय छोडऩे की अनुमति नहीं होगी।
उपार्जित अवकाश में समायोजित होगा वेतन: मुख्यालय छोडकऱ गए शिक्षकों का वेतन नहीं काटा जाएगा, लेकिन लॉकडाउन के दौरान मुख्यालय से बिना अनुमति गायब रहने की अवधि को उपार्जित अवकाश में समायोजित किया जाएगा। इसी तरह ऐसे शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश के दौरान उपार्जित अवकाश का लाभ भी नहीं मिलेगा।
जिले से चले गए थे 685 शिक्षक
जिले से करीब 685 शिक्षक ऐसे हैं, जो लॉकडाउन के दौरान अपने-अपने घरों को चले गए। इनमें से सर्वाधिक 174 शिक्षक धरियावद ब्लॉक से हैं,जबकि सबसे कम छोटीसादड़ी ब्लॉक से 85 हैं। इसी प्रकार प्रतापगढ़ ब्लॉक से 165, पीपलखूंट से142 और अरनोद से 92 शिक्षक मुख्यालय छोडकऱ बाहर चले गए।
गर्भवती महिलाओं व सेवानिवृत्ति होने वालों को छूट
शिक्षा निदेशक ने 15 मई तक मुख्यालय लौटने के आदेश में उन गर्भवती महिलाओं को छूट दी है, जो लॉकडाउन के चलते अपने गृह जिले में फंस गई। इसके अलावा ऐसी शिक्षिका जिसके दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं और सेवानिवृत्ति में दो साल से भी कम समय शेष रहने वाले शिक्षकों को लॉकडाउन के दौरान मुख्यालय आने से राहत दी गई है।
बिना अनुमति गए शिक्षकों पर हो सकती कार्रवाई
&लॉकडाउन के दौरान जो शिक्षक मुख्यालय छोडऩे की अनुमति लेकर गए थे। उन पर तो कोई कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन जो बिना अनुमति गए, उनके खिलाफ कुछ एक्शन हो सकता है, हालांकि इस बारे में अभी कोई गाइड लाइन नहीं आई।
डॉ शांतिलाल शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय, प्रतापगढ़
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