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मध्य रात को जन्मे कान्हा, छाया उल्लास

locationप्रतापगढ़Published: Aug 25, 2019 07:32:52 pm

Submitted by:

Devishankar Suthar

मध्य रात को जन्मे कान्हा, छाया उल्लासशहर समेत जिले के मंदिरों में मनाया कृष्ण जन्मोत्सव

मध्य रात को जन्मे कान्हा, छाया उल्लास

मध्य रात को जन्मे कान्हा, छाया उल्लास

मध्य रात को जन्मे कान्हा, छाया उल्लास
शहर समेत जिले के मंदिरों में मनाया कृष्ण जन्मोत्सव
प्रतापगढ़
कृष्ण जन्माष्टमी पर शहर समेत जिले में मंदिरों में शनिवार मध्य रात को कई आयोजन किए गए। जिसमें जन्मोत्सव मनाया गया। इसके साथ ही मटकी फोड़ के आयोजन भी हुए।
श्री ब्रह्म ज्योति संस्थान की ओर से संचालित श्री ब्रह्म ज्योति वैदिक गुरुकुल में जन्माष्टमी पर बटुको द्वारा जन्मोत्सव एवं मटकी फोड़ का आयोजन किया गया। जिसमें बटुकों द्वारा प्रात: भगवान गोपाल का पंचामृत से अभिषेक एवं पूजन अर्चन किया गया। रात्रि कालीन में बटुको द्वारा मटकी फोड़ का आयोजन किया गया जिसमें सबसे छोटे बटुक गोविन्द द्वारा मटकी फोड़ी गई।संस्थान के अध्यक्ष आशीष शर्मा ने पारितोषिक दिए।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शहर के अहिंसा नगर में मटकी फोड़ कायक्रम का आयोजन किया गया। यहां के दीपक शाह ने बताया कि इसमें जिला परिवहन निरीक्षक रामराज खाती ने मटकी फोड़ी। यहां धार्मिक भजनों पर नृत्य एवं गरबा का आयोजन किया गया। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवाकेंद्र प्रतापगढ पर जन्न्माष्टमी बड़े ही धूम धाम के साथ मनाई गई। इस अवसर पर सेवाकेंद्र संचालिका मीना बहन ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आध्यात्मिक रहस्य बताया। सभी को शुभकामनाएं दी। कुमारी चेतना जग्रवाल, मेहुल जग्रवाल आदि नन्हे मुन्ने बच्चों ने राधा कृष्णा बन कर सभी का मन मोह लिया तथा मेहुल अग्रवाल ने मटकी फोड़ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम का संचालन बी के लेखनी ने किया तथा आभार मेघा बहन ने प्रदर्शित किया।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय सेवाकेंद्र प्रतापगढ पर दादी प्रकाशमनी की 12वीं पुण्य स्मृति दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की । इस अवसर पर सेवाकेंद्र संचालिका बी के मीना बहन ने सभी को दादी प्रकाशमनी के आध्यात्मिक जीवन का रहस्य बताया तथा दादी को श्रद्धांजलि दी।
छोटीसादड़ी
उपखण्ड क्षेत्र के ग्रामीण व नगर में यशोदानंदन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। मध्यरात्रि में भगवान का जन्म होते ही मंदिरों में घंटी-घडियाल बज उठे। कृष्ण के जयकारों से समूचा वातावरण गूंजायमान हो उठा। शाम होते ही मंदिरों में पूजन-अर्चना और भजन-कीर्तन का दौर शुरू हो गया। जो मध्यरात्रि तक चला। कृष्ण जन्मोत्सव से ही पूर्व मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। इस मौके पर सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना भी छोटीसादड़ी के विभिन्न मन्दिरो में दर्शन करने पहुंचे। श्री चारभुजा मंदिर, नृसिंह मंदिर, प्रताप चौक स्थित पाटीदार समाज के चारभुजा मन्दिर, यादव मोहल्ले में स्थित यादव समाज के राधा कृष्ण मन्दिर, सुथार गली स्थित जांगिड़ ब्राह्मण समाज का मंदिर, मेघवाल समाज का राधा कृष्ण मन्दिर, लखारा समाज का मंदिर, बडीसादडी दरवाजा स्थित सत्यनारायण भगवान का मंदिर, हर मन्दिर, सहकारी मन्दिर आदि मन्दिरों को आकर्षक सजाया गया। राधाकृष्ण मंदिर में भगवान की झांकियां सजाई गई। जन्मोत्सव पर मंदिरों में विशेष रूप से पंजेरी का प्रसाद वितरित किया गया।
करजू
गांव के चारभुजा मंदिर में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। मंदिर प्रांगण में विभिन्न प्रकार की झांकियां बनाई गई। सुबह से रात 12 बजे तक श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। क्षेत्रवासियों ने दिनभर उपवास रखा। रात 12 बजे भजन कीर्तन के बाद थे। अंत में प्रसाद वितरण किया गया।
अरनोद
कृष्ण जन्माष्टमी पर कस्बे के नरसिंह मंदिर, श्रीराम जानकी मंदिर, श्री सत्यनारायण मंदिर सहित सभी मंदिरों पर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई। मंदिरों को फूलों से सजाया गया। आकर्षक झांकियां बनाई गई। रात को मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रही । रात को श्री कृष्ण जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। पूजा-अर्चना की गई और प्रसाद के रूप में पंजेरी और खीर का वितरण किया गया। इस अवसर पर जगह-जगह महिलाओं ने टोली बनाकर भजन कीर्तन कर जागरण किया।
मोवाई
निकटवर्ती शौली हनुमान गांव में राम जानकी मंदिर के पास जन्माष्टमी पर मटकी फोड़ी। जिसमें गांव के बालक और बालिकाओं ने इसमें भाग लिया। जिसमें आंखों पर पट्टी बांधकर मटकी फोड़ी गई। मटकी फोडऩे के बाद प्रसाद वितरण की गई।

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