यह है फॉल आर्मीवर्म कीट
यह अमेरिकन कीट है, जो लेपिडोप्टेरा गण के नोक्टयूडी फैमेली से है। तो बहुभक्षी है। इसके लार्वा अवस्था के दौरान फसलों को नुकसान पहुंचाती है। इसका प्रभाव ५० देशों में पाया गया है। सर्वप्रथम भारत में जून २०१८ में कर्नाटक में मक्का की फसल में देखा गया था। इसके बाद यह राजस्थान में इसका प्रभाव होने की आशंका जताई गई। इसे देखते हुए जिले में विभाग ने इसकी रोकथाम के लिए कवायद की है। इसके लिए सभी जिले के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है।
यह अमेरिकन कीट है, जो लेपिडोप्टेरा गण के नोक्टयूडी फैमेली से है। तो बहुभक्षी है। इसके लार्वा अवस्था के दौरान फसलों को नुकसान पहुंचाती है। इसका प्रभाव ५० देशों में पाया गया है। सर्वप्रथम भारत में जून २०१८ में कर्नाटक में मक्का की फसल में देखा गया था। इसके बाद यह राजस्थान में इसका प्रभाव होने की आशंका जताई गई। इसे देखते हुए जिले में विभाग ने इसकी रोकथाम के लिए कवायद की है। इसके लिए सभी जिले के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है।
मिले है निर्देश, सर्वे करा रहे
जिले में मक्का की फसल में अभी कीटों का प्रकोप नहीं है। लेकिन प्रदेश में फॉल आर्मीवर्म कीट के प्रकोप की आशंका है। इसे देखते हुए उच्चाधिकारियों से निर्देश मिले है। इस आधार पर जिले में सर्वे कराया जा रहा है। वहीं इस कीट की पहचान और इसके नियंत्रण के लिए किसानों को सलाह दी जा रही है।
नानूराम मीणा
उप निदेशक, कृषि विस्तार, प्रतापगढ़
जिले में मक्का की फसल में अभी कीटों का प्रकोप नहीं है। लेकिन प्रदेश में फॉल आर्मीवर्म कीट के प्रकोप की आशंका है। इसे देखते हुए उच्चाधिकारियों से निर्देश मिले है। इस आधार पर जिले में सर्वे कराया जा रहा है। वहीं इस कीट की पहचान और इसके नियंत्रण के लिए किसानों को सलाह दी जा रही है।
नानूराम मीणा
उप निदेशक, कृषि विस्तार, प्रतापगढ़