जनता कफ्र्यू और उसके बाद शुरू हुए लॉक डाउन के बाद पेट्रोल, डीजल की खपत कम हो गई हैं। सुबह 6 से 11 बजे तक ही जो लोग वाहन लेकर खरीदारी करने के लिए निकलते हैं वही वाहनों में पेट्रोल डलवा रहे हैं। दरअसल लॉक डाउन के बाद वाहनों के आवागमन पर भी पाबंदी लगा दी गई है। जिसके बाद से जरूरी सेवाओं में लगे शासकीय वाहन व इमर्जेंसी सेवाएं देने वाले कर्मचारी ही अपने वाहन से बाहर जाते हैं। इसके बाद से आम जनता द्वारा वाहनों का उपयोग नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि शहर के सभी पेट्रोल पंपों पर प्रतिदिन चार से छह सौ लीटर पेट्रोल की खपत हो रही है। किसानों द्वारा ही किसानी के काम के लिए जरूरत होने पर डीजल खरीदा जा रहा है। इस समय में केवल पेट्रोल पंप ही नहीं सभी व्यापारों का यही हाल है। पेट्रोल पंप इमर्जेंसी सेवाओं के अंतर्गत आते हैं, लेकिन वाहन न चलने के कारण पेट्रोल, डीजल की खपत दस से बीस प्रतिशत रह गई है।
कोरोना संक्रमण के खतरे के बावजूद पेट्रोल पंप कर्मचारी लगतार अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पेट्रोल पंपों पर इमरजेंसी सेवाएं देने वाले वाहन ही पहुंच रहे हैं। इसमें जिला चिकित्सालय के वाहन, एम्बुलेंस, पुलिस के वाहन व अन्य इमरजेंसी वाहन ही पेट्रोल पंप पर पहुंचते हैं।