पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक की थी, तो सामने आया था कि पिछले 10 वर्षों से कई विभागों की करीब 450 से अधिक भ्रष्टाचार की फाइलें दबी पड़ी हैं, जिन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। भ्रष्ट अफसरों और नेताओं के भ्रष्टाचार की इन फाइलों को कई जांच एजेंसियों ने छिपा रखा है। मामला सामने आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई, जिसे दो महीनों में सभी लंबित फाइलों का निस्तारण कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया।
यूपी के इन राज्य कर्मचारियों की जा सकती है नौकरी, सीएम योगी तैयार करवा रहे फाइनल लिस्ट
अफसरों-कर्चमारियों की स्क्रूटनी शुरूमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सूबे के लिये बोझ बने और सरकार को बदनाम कर रहे अफसर-कर्मचारियों को अब कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। काम में लापरवाही बरतने और जनता के हितों की अनदेखी करने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिये अफसरों-कर्चमारियों की स्क्रूटनी भी शूरू हो गई है। रिव्यू मीटिंग्स में उन्होंने अफसरों-कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि अगर यूपी में काम करना है तो सभी को ईमानदारी और लगन के साथ 18-20 घंटे तक काम करना होगा। किसी भी कीमत पर अधिकारियों व कर्मचारियों की अकर्मण्यता स्वीकार नहीं की जाएगी। लेट-लतीफी रोकने के लिये सरकारी दफ्तरों में बायोमैट्रिक्स मशीनें भी लगाई गई हैं।
राज्य कर्मचारियों के रिटायरमेंट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा हम चाहते हैं कि कर्मचारी मृत्यु तक सरकारी नौकरी करें। हम तो चाहते हैं कि एक सरकारी कर्मचारी जो बहुत अच्छा काम करता है, वह जब तक नहीं मरता, अपनी सेवाएं राज्य को दे। हम लोग तो यह चाहेंगे। पर जो काम नहीं करता, 50 की उम्र में हम उन सबकी स्क्रीनिंग भी करने जा रहे हैं। अगर सेवा नहीं कर पा रहे है हों तो अपने घर की सेवा करें, राज्य की नहीं।
राज्य पर बोझ बने अफसर-कर्मचारी नपेंगे, योगी सरकार करवा रही स्क्रूटनी
250 नियुक्तियों की होगी सीबीआई जांचराज्य सरकार ने वर्ष 2010 में सचिवालय में अपर निजी सचिव के 250 पदों पर हई भर्ती की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है। गृह विभाग ने इस संबंध में केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को फाइल भेज दी है। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि अपर निजी सचिव की भर्ती में काफी शिकायतें मिलने के बाद सीबीआई जांच के लिये पत्र भेज दिया गया है। बता दें अखिलेश सरकार में भर्तियों की जांच के बाद दौरान सीबीआई को इस मामले का पता चला था।