चुनाव से पहले मोदी सरकार का होगा आखिरी शीतकालीन सत्र
आपको बता दें कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए ये आखिरी शीतकालीन सत्र होगा या फिर कहें कि संसद का आखिरी सत्र ही होगा, क्योंकि बजट सत्र अभी आएगा तो लेकिन उसका कोई महत्व नहीं होगा। ऐसे में कामकाज के लिहाज से शीतकालीन सत्र काफी अहम रहने वाला है। सरकार की ये कोशिश रहेगी कि इस सत्र में कई अहम बिलों को चर्चा के लिए लाया जाए और इसके अलावा राज्यसभा में लटके बिलों को भी पास कराया जाए।
राम मंदिर पर लाया जाएगा कोई कानून?
साथ ही सरकार के सामने ये चुनौती भी होगी कि इस सत्र को शांतिपूर्वक ढंग से चलाया जाए। शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार पर सबसे ज्यादा नजर इस बात के लिए रहेगी कि क्या सरकार राम मंदिर पर कोई कानून लाकर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करती है या फिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ही इंतजार किया जाएगा। आपको बता दें कि सरकार पर लगातार इस बात का दबाव है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद के जरिए कानून लाया जाए या फिर अध्यादेश के जरिए मंदिर निर्माण कराया जाए।