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11 दिसंबर से 8 जनवरी तक चलेगा शीतकालीन सत्र, राम मंदिर पर कानून लाएगी मोदी सरकार?

Published: Nov 14, 2018 07:04:23 pm

Submitted by:

Kapil Tiwari

वैसे आमतौर पर शीतकालीन सत्र नवंबर के महीने में होता है, लेकिन पिछले दो बार से इसे दिसंबर में आयोजित किया जाता है।

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नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र अगले महीने की 11 तारीख से शुरू हो रहा है। 11 दिसंबर से शुरू होकर शीतकालीन सत्र 8 जनवरी तक चलेगा। बुधवार को केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि संसदीय मामलों पर कैबिनेट कमेटी (CCPA) ने फैसला किया है कि अगला शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर, 2018 से 8 जनवरी, 2019 तक आयोजित किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली सीसीपीए की बैठक मंगलवार रात उनके आवास पर हुई और सत्र की तारीख पर विचार-विमर्श हुआ। वैसे आमतौर पर शीतकालीन सत्र नवंबर के महीने में होता है, लेकिन पिछले दो बार से इसे दिसंबर में आयोजित किया जाता है।

चुनाव से पहले मोदी सरकार का होगा आखिरी शीतकालीन सत्र

आपको बता दें कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए ये आखिरी शीतकालीन सत्र होगा या फिर कहें कि संसद का आखिरी सत्र ही होगा, क्योंकि बजट सत्र अभी आएगा तो लेकिन उसका कोई महत्व नहीं होगा। ऐसे में कामकाज के लिहाज से शीतकालीन सत्र काफी अहम रहने वाला है। सरकार की ये कोशिश रहेगी कि इस सत्र में कई अहम बिलों को चर्चा के लिए लाया जाए और इसके अलावा राज्यसभा में लटके बिलों को भी पास कराया जाए।

राम मंदिर पर लाया जाएगा कोई कानून?

साथ ही सरकार के सामने ये चुनौती भी होगी कि इस सत्र को शांतिपूर्वक ढंग से चलाया जाए। शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार पर सबसे ज्यादा नजर इस बात के लिए रहेगी कि क्या सरकार राम मंदिर पर कोई कानून लाकर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करती है या फिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ही इंतजार किया जाएगा। आपको बता दें कि सरकार पर लगातार इस बात का दबाव है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद के जरिए कानून लाया जाए या फिर अध्यादेश के जरिए मंदिर निर्माण कराया जाए।

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