यह भी पढ़ेंः लोकसभा चुनाव 2019: इन 7 सीटों पर है दिलचस्प मुकाबला, आपको होनी चाहिए जानकारी आंकड़े बताते हैं कि इस बार लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में 69.5 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि बीते 2014 के आम चुनाव के पहले चरण में केवल 68.77 फीसदी मतदाता ही पोलिंग बूथ तक पहुंचे थे। बीते चुनाव की तुलना मेें इस बार प्रथम चरण में 0.73 फीसदी मतदाताओं की संख्या बढ़ी।
दूसरे चरण में मतदाताओं की संख्या थोड़ी घटी। जहां 2014 लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 69.62 फीसदी वोटर्स ने हिस्सा लिया था, इस बार केवल 69.44 फीसदी मतदाता ही मतदान केंद्रों में ईवीएम का बटन दबाने पहुंचे और पिछले चुनाव की तुलना में इस बार दूसरे चरण में 0.18 फीसदी कम पोलिंग हुई।
2014 की तुलना में 2019 के चौथे चरण के मतदान तक के आंकड़े |
मतदान का चरण | 2019 | 2014 | अंतर |
पहला चरण | 69.50 % | 68.77 % | 0.73 |
दूसरा चरण | 69.44 % | 69.62 % | – 0.18 |
तीसरा चरण | 68.40 % | 67.15 % | 1.25 |
चौथा चरण | 65.51 | 63.05 % | 2.46 |
यह भी पढ़ेंः महिला सांसदों के लिए नहीं धड़कता है ‘देश का दिल’, 7 दशक में केवल सात को चुना इस बार चौथे चरण के मतदान ने 2014 की तुलना में अभी तक सर्वाधिक बेहतर प्रदर्शन किया। जहां 2014 में केवल 63.05 फीसदी वोटर्स ने लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लिया। 2019 में 65.51 फीसदी मतदाताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ वीवीपैट को भी देखा। चौथे चरण में बीते चुनाव की तुलना में 2.46 फीसदी ज्यादा मतदाता पोलिंग बूथ पहुंचे।
सर्वाधिक मतदान वाली सीटें इस बार असम की धुबड़ी सीट ने न केवल 2014 लोकसभा चुनाव की ही तरह नया रिकॉर्ड बनाया बल्कि अपने पिछले रिकॉर्ड को भी ध्वस्त कर दिया। जहां 2014 आम चुनाव में धुबड़ी सीट पर सर्वाधिक 88.30 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले थे, 2019 आम चुनाव में यह संख्या 90.66 फीसदी पहुंच गई। यानी बीते चुनाव की तुलना में 2.36 फीसदी ज्यादा मतदाता बूथ के अंदर पहुंचे।
यह खबर भी पढ़ेंः वो 10 राजनेता जो आजतक कोई भी लोकसभा चुनाव नहीं हारे इसके अलावा आंध्र प्रदेश की राजामुंदरी सीट पर इस बार करीब 86.5 और पश्चिम बंगाल की बोलपुर सीट पर 85.7 फीसदी वोटर्स ने बटन दबाया।
सर्वाधिक बेहतर प्रदर्शन करने वाला राज्य इस मामले में मध्य प्रदेश ने बाजी मारी है। जहां 2014 लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के 64.8 फीसदी मतदाता अपने घरों से निकलकर मतदान केंद्र पहुंचे थे, इस बार इनकी तादाद 74.9 फीसदी पहुंच गई। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार राज्य ने 10.06 फीसदी की बढ़त दर्ज की।
दूसरे नंबर पर झारखंड आता है। यहां पर मतदाताओं की संख्या में गत चुनाव की तुलना में 7.53 फीसदी का इजाफा हुआ। मतदान में सर्वाधिक कमी वाले प्रदेश 2014 लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार जिस राज्य में मतदाताओं की संख्या में सर्वाधिक कमी आई उसका नाम है जम्मू-कश्मीर। आंकड़े बताते हैं कि यहां पर पिछले चुनाव की तुलना में चार चरणों के मतदान तक 25 फीसदी की कमी आई। वहीं, दूसरे पायदान पर उत्तराखंड का नाम है।
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