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उपेंद्र कुशवाहा ने शरद यादव से की मुलाकात, शाह और कुमार के खिलाफ खोल सकते हैं नया मोर्चा

Published: Nov 12, 2018 10:24:33 am

बिहार में मुस्लिम यादव (एमवाई) के बदले (कुर्मी-यादव) समीकरण का उभार हो सकता है। इस समीकरण से भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह और सीएम नीतीश के लिए नई मुसीबत खड़ी हो सकती है।

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उपेंद्र कुशवाहा ने शरद यादव से की मुलाकात, शाह और कुमार के खिलाफ खोल सकते हैं नया मोर्चा

नई दिल्‍ली। बिहार में सियासी समीकरण तेजी से बदल रहा है। एनडीए के साथ सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक बात न बनता देख और नीतीश कुमार के रवैये से नाराज मोदी के मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने आज लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) प्रमुख शरद यादव से मुलाकात की। उनकी इस मुलाकात को बिहार में नए समीरकण के उभार के रूप में देखा जा रहा है। अक्‍टूबर मध्‍य में भी कुशवाहा ने शरद के साथ बिहार में थर्ड फ्रंट खोलने के संकेत दिए थे। लेकिन इस मुलाकात से साफ हो गया है कि वह जल्‍द ही नई घोषणा कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो बिहार में मुस्लिम यादव (एमवाई) के बदले (कुर्मी-यादव) समीकरण का उभार हो सकता है। इस समीकरण से भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह और सीएम नीतीश के लिए नई मुसीबत खड़ी हो सकती है।
आरएलएसपी को तोड़ना चाहते हैं नीतीश
कुशवाहा और शदर यादव की इस मुलाकात से जदयू और रालोसपा की बीच का सियासी घमासान अब खुलकर सामने आ गई है। सीएम नीतीश कुमार द्वारा बिना नाम लिए कुशवाहा को नीच बताने और पटना में रालोसपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के बाद केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशावाह के तेवर गर्म हैं। आरएलएसपी नेता कुशवाहा ने एक ट्वीट कर कहा है कि नीतीश कुमार बिहार में आरएलएसपी को तोड़ने में लगे हैं। लेकिन वो ऐसा नहीं कर सकते। क्‍योंकि हम सभी एनडीए के हिस्‍सा हैं। नीतीश के रवैये को लेकर रविवार को केंद्रीय मंत्री दिल्ली में अमित शाह से मिलने वाले थे, लेकिन किसी कारण से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद उन्‍होंने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से मुलाकात की और नीतीश की शिकायत की। साथ ही सीट शेयरिंग को लेकर भी उनसे चर्चा की। इसके बाद मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर प्रहार किया और सीट शेयरिंग पर जल्द घोषणा की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी को जेडीयू डैमेज करना चाहता है।
कुशवाहा चाहते हैं सम्‍मानजनक सीट
दरअसल, बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के मुद्दे पर आरएलएसपी एनडीए से नाखुश है। कुशवाहा पिछले दिनों तेजस्वी यादव से भी मिले थे। कुशवाहा ने नौ नवंबर को कहा था कि उन्हें दो क्या तीन सीटें भी मंजूर नहीं। उनकी पार्टी की ताकत बढ़ी है, इसलिए सीटों को संख्या ज्यादा होनी चाहिए। आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा बिहार की 40 सीटों में से 30 पर लड़ी थी और उसे 22 सीटों पर जीत मिली थी। एलजेपी और आरएलएसपी क्रमश: सात और तीन सीटों पर उतरी थीं और उन्होंने क्रमश: छह और तीनें सीटें जीती थीं। अब इस बार एनडीए के साथ नीतीश कुमार की जेडीयू भी आ गई है। जेडीयू और भाजपा ने बराबर की सीटों पर लड़ने का फैसला किया है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही है कि रामविलास पासवान की पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को कम सीटें मिलेंगी। इसके अलावा कुशवाहा बिहार सरकार में भी भागीदारी की मांग कर रहे हैं।
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