“मुझे अपने डॉक्टरों पर भरोसा था”- कार्यक्रम में सिद्धार्थनाथ सिंह ने सरकारी अस्पतालों के इलाज के बारें में कई बातें कही। उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों की संख्या बढ़ी है। हमारे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ विभाग की रीढ़ की हड्डी हैं, इसलिए इस पर ध्यान देने की बेहद जरूरत है। अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे कुछ दिनों पहले स्टंट पड़े थे। लोगों ने मुझे अलग-अलग अस्पतालों में जाने की सलाह दी, लेकिन मुझे अपने डॉक्टरों पर भरोसा था। इसलिए मैनें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अपना इलाज कराया।
ये भी पढ़ें- पूर्व कैबिनेट मंत्री का हैरान करने वाला बयान, कहा SC/ST एक्ट में सीएम को जेल भेजा जाना चाहिए दरवाजे टूटे हैं, तो मरीज इलाज कराने से डरता है- अस्पतालों की व्यवस्था के बारे में कहा सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि जब डॉक्टर अस्पताल को अपना घर समझेंगे तभी इसकी समस्या दूर हो पाएगी। यहां कायाकल्प में हम स्वच्छता की समस्या की बात कर रहे हैं। लेकिन आप जब अस्पताल में जाएंगे तो देखेंगे कि कितनी गंदगी है। दरवाजे टूटे हैं, तो मरीज इलाज कराने से डरता है। उन्होंने आगे कहा कि अस्पतालों के लिए अधिक बजट की व्यवस्था होगी।
ये भी पढ़ें- सपा के दिवगंत नेता दर्शन सिंह यादव की आत्मा की शांति के लिए कराया गया हवन, रामगोपाल समेत कई हुए भावुक वहीं अस्पतालों में बजट को लेकर भी मंत्री ने कहा कि स्वच्छता पर फंड का 40 % भी ख़र्च नहीं हो पा रहा है। जिला अस्पतालों को वर्ल्ड बैंक से फंड देने की व्यवस्था की जा रही है।