कांग्रेस समेत इस समारोह में 9 दल हिस्सा लेंगे। कांग्रेस कांग्रेस चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तो इस मंच का चेहरा होंगे ही साथ ही टीएमसी की ममता बनर्जी , बसपा की मायावती , सपा के अखिलेश यादव , तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, एनसीपी के शरद पवार , सीपीएम के सीताराम येचुरी, आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल विपक्षी एकजुटता के प्रमुख चेहरों में शामिल होंगे। इसके अलावा बिहार विधानसभा में विपक्षी नेता तेजस्वी यादव, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और नेकां के नेता फारूक अब्दुल्ला के भी उपस्थित होने की उम्मीद है।
कांग्रेस के नेतृत्व में भले ही देशभर से कई दल मोदी के रथ को रोकने के लिए एकजुट हो रहे हैं लेकिन अभी भी ये मंच मजबूत नहीं है…विपक्षी एकता का राग छेड़ने वाले टीआरएस प्रमुख चंद्रशेखर राव इस मंच से नदारद रहेंगे। इसी तरह द्रमुक नेता एम के स्टालिन भी इस समारोह में शिरकत नहीं करेंगे। द्रमुक नेता एमके स्टालिन ने बेंगलुरु की अपनी यात्रा रद्द कर दी है. इसके बजाय वह तमिलनाडु में तूतीकोरीन जाएंगे, जहां आज पुलिस गोलीबारी में नौ लोग मारे गए।
भगवा रथ को रोकने की कवायद और विपक्षी एकजुटता को लेकर कई समय से कोशिश की जा रही है, लेकिन ये वक्त बहुत खास है और इसका कारण है मोदी सरकार के 4 साल। जी हां मोदी सरकार इस समय अपने चार साल पूरे कर रही है, ऐसे में विपक्ष को हाथ मिलाने का ये समय बिल्कुल सही है। हालांकि विपक्ष 2019 तक अपने लक्ष्य को इसी एकजुटता के साथ साध पाता है या नहीं ये कहना काफी मुश्किल है।