बीच-बीच में फेरियों की आॅडिट करे अधिकारी
उन्होंने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे अपने जिले के इलाकों में चलने वाली फेरियों की सुरक्षा का ऑडिट बीच-बीच में करें। मंत्री ने अंतर्देशीय जल परिवहन निदेशालय का दौरा कर पूरे कामकाज की समीक्षा की। मंत्री ने पिछले डेढ़ साल में विश्व बैंक की मदद से चल रही परियोजनाओं और उठाये गए सुधारात्मक कदमों के बारे में भी जानकारी दी।विश्व बैंक की मदद से चल रही परियोजनाओं से इस क्षेत्र में व्यापक बदलाव आएंगे। इसके लिए जर्मनी के कंसलटेंट इनरोज लेकनर ने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है। फेरी की डिजाइन और टर्मिनल डिजाइन तैयार है।
परिवहन विभाग पिछले छह महीनों से नियामक बिल पर काम कर रहा है। असम अंतर्देशीय जल परिवहन पुनर्गठन कानून विधानसभा के पटल पर रखने के लिए तैयार है। अगले विधानसभा सत्र में इसे स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। खोसला कमेटी ने 2013 में एक रिपोर्ट दी थी। उसकी अनुशंसा के अनुसार अलग से नियामक प्राधिकरण, अलग बंदरगाह और जहाज प्रबंधन कंपनी की स्थापना का रास्ता प्रशस्त होगा। मंत्री ने विभाग के कर्मचारियों और इससे जुड़े लोगों के कामकाज को उन्नत करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने को कहा।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों फेरियों के आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं दिया गया था। इसके चलते सब कुछ पुराना था। पिछले दो सालों में 15 स्टील फेरियों और तीन काठ की फेरियों का काम हाथ में लिया गया है। इसमें 4 फेरिया बराक में, एक स्टील और तीन काठ की फेरिया माजुली में काम पर लगाई गई हैं। 10 फेरियों का काम इस वित्तीय साल में पूरा होगा। तीन नयी फेरिया गुवाहाटी और उत्तर गुवाहाटी के बीच जल्द ही शुरू की जाएगी। रो-रो सेवा धुबड़ी-हाटसिंगिमारी के बीच शुरू की गई है। दूसरी और तीसरी रो-रो सेवा माजुली-कमलाबाड़ी और गुवाहाटी-उत्तर गुवाहाटी के बीच क्रमशः अक्तूबर और दिसंबर में शुरू की जाएगी।
यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि
उन्होंने कहा कि सरकार यात्रियों की सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम प्राथमिकता दे रही है। समीक्षा बैठक में विभाग के आयुक्त सचिव आशुतोष अग्निहोत्री और विभाग के निदेशक भरतभूषण देव चौधरी, परिवहन विभाग के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।