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केसीआर की सत्ता में वापसी की ये है मुख्य वजह…

locationनई दिल्लीPublished: Dec 12, 2018 08:51:41 pm

Submitted by:

Prashant Jha

119 सदस्यीय विधानसभा में 47 फीसदी वोट के साथ उसे 88 सीटों की भारी-भरकम जीत मिली।

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कल्याकारी योजनाओं ने केसीआर की सत्ता में वापसी में मदद की

हैदराबाद: तेलंगाना के गौरव के नाम के मुकाबले बीते साढ़े चार साल के दौरान लागू कल्याणकारी योजनाएं भारत के सबसे युवा राज्य में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की शानदारी जीत में मदद करने वाली अधिक प्रतीत हो रही हैं। 2014 में जहां के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) तेलंगाना के गौरव भावनाओं के लहर पर सवार होकर जीते तो थे लेकिन जीत इतनी शानदार नहीं थी। इस बार लोगों ने 64 वर्षीय नेता को स्पष्ट बहुमत दिया है, जो अब देश का एक शक्तिशाली क्षेत्रीय नेता है और जो राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका की ओर नजर बढ़ा रहा है। तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के बाद उन्होंने ‘बंगारू (स्वर्णिम) तेलंगाना’ के निर्माण की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली और अभी तक हुई प्रगति से संतुष्ट लोगों ने उन्हें एक बार राज्य की अगुवाई करने के लिए कमान सौंपी।

समय से पूर्व चुनाव कराने का फैसला आया काम

केसीआर का जल्दी विधानसभा चुनाव कराने का फैसला भी उनके पक्ष में गया, क्योंकि उन्हें डर था कि अगले साल विधानसभा चुनाव कराने के साथ लोकसभा चुनाव कराने से उनके कल्याण व विकास के मुद्दे पर असर पड़ सकता है। एक कमजोर विपक्ष और तेदेपा अध्यक्ष व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के 2015 में ‘कैश फॉर वोट’ घोटाले के मद्देनजर अपना ठिकाना विजयवाड़ा स्थानांतरित करने से केसीआर के लिए जीत आसान हो गई।

कल्याणकारी योजनाओं से लौटी सरकार

समाज के विभिन्न वर्गो के लिए लागू की गईं विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं ने केसीआर के वोटबैंक को मजबूती दी। उनका दावा है कि सालाना 40 हजार करोड़ रुपये कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किए गए और तेलंगाना सभी राज्यों में लोगों को कल्याण मुहैया कराने वाला नंबर एक राज्य है। विधवाओं, बुजुर्गो, दिव्यांगों, अकेली महिलाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन, बुनाई व बीड़ी श्रमिकों के लिए वित्तीय सहायता और ‘कल्याण लक्ष्मी’ व ‘शादी मुबारक’ जैसी योजनाओं के तहत प्रत्येक लड़की को एक लाख रुपये की सहायता प्रदान करने जैसी योजनाओं ने केसीआर को विभिन्न वर्गों से जुड़ने में मदद की।

किसानों के लिए किया अच्छा काम

17,000 करोड़ रुपये कृषि ऋण माफ करना, किसानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति, ‘रायतु बंधु’ के तहत फसल उगाने के लिए प्रत्येक किसान को प्रति फसल 4,000 रुपये का समर्थन, हाल ही में ‘रायतु बीमा’ के तहत किसानों को पांच लाख रुपये जीवन बीमा देने जैसी पहल की किसानों ने प्रशंसा की। हालांकि केसीअर ने स्वीकार किया कि युवाओं को नौकरी मुहैया कराने में नतीजे उस स्तर पर नहीं प्राप्त हुए, जितनी की संभावना थी।

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