भाजपा सांसद स्वामी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के वकील कपिल सिब्बल ने इस मसले पर जल्द फैसला न आने देने के लिए पांच जजों की बेंच के फैसले को सात जजों की बेंच के हवाले करने की सिफारिश कर इसमें पांच माह का विलंब कर दिया। स्वामी ने कहा कि मुस्लिम शासकों ने हिंदुस्तान में 40 हजार मंदिर तोड़े थे। देश के सहिष्णु हिंदू सिर्फ अयोध्या, काशी, मथुरा मांग रहे हैं, जिसके साक्षात प्रमाण मौजूद हैं कि किस प्रकार उसको तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया गया। मुस्लिम समाज अयोध्या, काशी और मथुरा हिंदुओं को सौंप दें, यह बेहतर होगा।
उन्होंने पीएम की तारीफ करते हुए कहा कि राष्ट्र के अस्मिता को दुनिया में बढ़ाने के साथ राष्ट्रीय पुनरुत्थान का काम देश में पहली बार प्रारंभ हुआ। देश में गुलामी की एक-एक निशानी मिटानी है। उन्होंने कहा कि आज देश एक ऐसे मोड़ पर आ गया है, जहां से राष्ट्रीय अस्मिता को बढ़ाने के लिए हर हिंदू को आगे आना होगा। भगवान राम को इमाम-ए-हिंद मानने वाले शिया समुदाय के साथ मुस्लिम बहनें भी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जल्द से जल्द चाहती हैं। उन्होंने रामसेतु को तोड़ने के करुणानिधि के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की याचिका दायर करने का जिक्र करते हुए कहा कि जो भी इस काम में रोड़ा बना सबका क्या हश्र हुआ, बताने की आवश्यकता नहीं है। इसी तरह अब भगवान राम का अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण का समय नजदीक आ रहा है। भगवान राम के मंदिर निर्माण को दुनिया की कोई भी ताकत नहीं रोक सकती है।