इसरो का मिशन-19 इसी महीने होगा शुरू, ‘बाहुबली’ और ‘चंद्रयान-2’ की लॉन्चिंग पर रहेगी सबकी नजर दरअसल एनडीए सरकार की नीतियों पर शिवसेना निशाना साधती रहती है। नोटबंदी पर रिजर्व बैंक के आंकड़ें जारी होते ही शिवसेना ने मोदी सरकार पर अपनी भड़ास निकाली उन्होंने कहा कि कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के मकसद से लाखों लोगों को एनडीए सरकार ने कतारों में खड़ा कर दिया। लेकिन इस बार शिवसेना ने माओवाद के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने का मन बनाया है।
शिवसेना का कहना है कि केंद्र सरकार को ये नहीं कहना चाहिए कि माओवादी उन्हें सत्ता से बाहर करने की कोशिश कर रहे हैं। मनमोहन सिंह सरकार को माओवादियों ने नहीं हटाया था। ये भारत की जनता थी जो उनती नीतियों से नाराज थी और मौका मिलने पर उन्हें मजा चखा दिया।
मौसम विभाग का अलर्टः जनमाष्टमी पर दिल्ली-एनसीआर समेत 10 राज्यों में जमकर बरसेंगे बदरा, 15 सितंबर तक सक्रिय रहेगा मानसून इंदिरा और राजीव ने जान देकर चुकाई कीमत इंदिरा और राजीव गांधी ने कुछ खतरों को मोल लेने की कोशिश की और उन्हें अपनी जान के रूप में भुगतान करना पड़ा। लेकिन मोदी जी उस तरह के खतरों को मोल नहीं लेना चाहते हैं। अगर माओवादियों के पास वास्तव में ताकत होती तो वो पश्चिम बंगाल में नाकाम नहीं होते।