अमरावती की वर्तमान सांसद नवनीत राणा का मुकाबला कांग्रेस नेता बलवंत वानखेडे से है। बलवंत महाविकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार हैं। अमरावती निर्वाचन क्षेत्र में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा।
उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी संजय राउत ने कहा, अमरावती में बलवंत वानखेडे की लड़ाई डांसर के साथ नहीं है, बल्कि यह देश की लड़ाई है। उन्होंने मंच से कहा, “यह लड़ाई बलवंत वानखेडे बनाम नाचनेवाली, डांसर, बबली (नवनीत राणा) नहीं है, बल्कि यह मोदी बनाम महाराष्ट्र की लड़ाई है। ये लड़ाई मोदी बनाम उद्धव ठाकरे है, ये लड़ाई मोदी बनाम शरद पवार है, ये लड़ाई मोदी बनाम राहुल गांधी है।”
राउत ने आगे कहा कि जिस महिला ने मातोश्री में घुसने की कोशिश की। मातोश्री और हिंदुत्व के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल किया। उस महिला को हराना शिवसैनिकों का पहला और नैतिक कर्तव्य है।
बीजेपी ने नवनीत राणा को महाराष्ट्र की अमरावती सीट से टिकट दिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में देशभर में मोदी लहर के बावजूद राणा अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय जीतीं। जबकि उनके पति रवि राणा अमरावती से निर्दलीय विधायक है और बीजेपी सरकार का समर्थन करते है।
क्या है हनुमान चालीसा वाला मामला?
मालूम हो कि महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार के दौरान अमरावती के निर्दलीय विधायक रवि राणा और उनकी सांसद पत्नी नवनीत ने मुंबई में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की थी। हालांकि मुंबई पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए नोटिस जारी किया था। हालांकि राणा दंपत्ति नहीं माने और फिर मुंबई पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कई दिन जेल में रहने के बाद नवनीत और रवि राणा को सशर्त जमानत मिली।