उन्होंने ट्वीट कर बताया है कि पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में ट्रेनिंग कैंपों, लॉंचिंग पैडों और कम्युनिकेशन कंट्रोल स्टेशनों के रूप में आतंकी ढांचा अभी भी मौजूद है। कश्मीर में आतंकियों और अलगाववादियों को सीमापार से हो रही फंडिंग भी चिंता का विषय है। राजनाथ सिंह ने कश्मीर में तनाव के लिए अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहराते हुए लिखा है कि अलगाववादी कश्मीर में लोगों के बीच भारत-विरोधी भावनाएं भड़काने का कोई भी मौका नहीं चूकते। इससे कभी-कभी कानून और व्यवस्था की समस्या भी पैदा हो जाती है। हालांकि पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है।
गृहमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान का सत्ता प्रतिष्ठान भारतीय हितों को निशाना बनाने के लिए सिख चरमपंथी संगठनों, वहां के इस्लामिक संगठनों और कश्मीर केंद्रित आतंकवादी संगठनों के बीच साठगांठ कायम करने की कोशिश कर रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि मुख्य भूमि से आतंकवाद को उखाड़ फेंका गया है। खुफिया एजेंट के साथ समन्वय से कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस्लामिक स्टेट के दुष्प्रचार की लहर को विफल करने में कामयाब रही हैं।