राहुल के वाक युद्ध से कांग्रेसी खुश
दरअसल, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सभी राज्यों में झटका खा रही कांग्रेस को खड़ा करने के लिए अब नई रणनीति बनाई है। इस रणनीति का ही एक हिस्सा आरएसएस को निशाने पर रखना है। राहुल गांधी ने संघ के देश को देखने के नजरिए पर भी सवाल किया था और कहा था कि देश को देखने को दो तरीके होते हैं, ये देश मेरा है, एक कहता है कि मैं इस देश का हूं, ये हम में और आरएसएस में अंतर है। राहुल के मुताबिक आरएसएस कहता है कि ये देश हमारा है। तुम इसके नहीं हो। हालांकि संघ ने राहुल पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल अभी आरएसएस के बारे में कुछ भी नहीं जानते। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नेता मनमोहन वैद्य ने कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी संघ के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि आरएसएस के सदस्यों ने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के उच्च पदाधिकारी राहुल के इस वाक युद्ध से काफी खुश हैं और इस युद्ध को बनाए रखना चाहते हैं। इन नेताओं का मानना है कि मोदी को क्यों अनुचित श्रेय दिया जाए? यह आरएसएस है, जिसने उन्हें पेश किया है।
राहुल ने बनाई रणनीति
कांग्रेस के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अस्तित्व 1925 से लेकर 1947 तक रहा और स्वतंत्रता संग्राम में उसकी कोई भूमिका नहीं थी। आरएसएस हमेशा से राजनीतिक सत्ता पर कब्जा करने के लिए प्रयासरत रहा। अब चूंकि वह सत्ता में है, तो वह इतिहास को दोबारा लिखने और हर चीज को बदलने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अक्टूबर में कांग्रेस के आंतरिक चुनाव के बाद एक सटीक अभियान रणनीति तैयार की जाएगी। इन नेताओं का मानना है कि आरएसएस की विचारधारा और उनके कट्टरपंथी तरीके से लोगों के बीच बहुत असंतोष है। पार्टी नेताओं का तो यहां तक मानना है कि आरएसएस पर हमले तेज करने की रणनीति निर्माता खुद राहुल गांधी हैं।