यूपी पुलिस ने सीएम योगी आदित्यनाथ का अपमानजनक वीडियो शेयर करने के मामले में पत्रकार कनाौजिया को गिरफ्तार किया था। इसके बाद कनाौजिया की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को फटकार लगाई।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर उन्हें किन धाराओं के आधार पर गिरफ्तार किया गया। अदालत ने आदेश जारी करते हुए कहा कि कनौजिया को तत्काल रिहा किया जाए। पत्रकार पर केस चलता रहेगा।
क्या कहा कनौजिया के वकील ने
कोर्ट के आदेश के बाद प्रशांत कनौजिया के वकील ने मीडिया से बात की। कनौजिया के वकील ने कहा कि शीर्ष अदालत ने गिरफ्तारी को गलत ठहराया है।प्रशांत की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में ‘हैबियस कॉरपस’ याचिका दाखिल की थी। याचिका के मुताबिक पत्रकार कनौजिया की गिरफ्तारी गैरकानूनी है। इस मामले में यूपी पुलिस ने ना तो FIR के बारे में जानकारी दी और ना ही गिरफ्तारी के लिए कोई गाइडलाइन का पालन किया। पत्नी ने कहा कि उनके पति को दिल्ली में ट्रांजिट रिमांड के लिए किसी मजिस्ट्रेट के पास भी पेश नहीं किया गया।