भाजपा, कांग्रेस अध्यक्ष के इस कार्यक्रम पर पानी फेरने की कोशिश में जुट गई है। दूसरी तरफ कांग्रेस राष्ट्रवाद की भावनाओं को सैन्य बहुल उत्तराखंड में भुनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसके चलते प्रदेश का सियासी माहौल गर्मा गया है।
देहरादून में शनिवार को परिवर्तन रैली को संबोधित करने के बाद राहुल गांधी शहीद हुए सपूतों मेजर चित्रेश बिष्ट, मेजर विभूति शंकर ढौ़ंंडियाल और सब इंस्पेक्टर मोहन लाल रतूडी के परिजनों से मिलने की तैयारी में हैं।
हांलाकि दिलचस्प यह है कि शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की अंतिम विदाई के अगले दिन सांत्वना देने के लिए कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश, परिजनों से मिलने पहुंचीं तो साथ में मीडिया देखकर परिवार वालों ने उनसे मिलना तक मुनासिब नहीं समझा।
ऐसे में राहुल गांधी से शहीदों के परिवार का व्यवहार कैसा होगा यह कांग्रेस पदाधिकारियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। क्या कहती है भाजपा भाजपा विधायक (मसूरी) गणेश जोशी कहते हैं कि आतंकी को ‘जी’ कह कर संबोधित करने वाले राहुल गांधी का शहीदों के परिवार से मिलने का कार्यक्रम किसी मजाक से कम नहीं है। यह नाटक किसी के गले नहीं उतरता। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले उन्हें शहीदों के परिवार की याद आई। इससे पहले तो उन्होंने उनका हाल पूछना तक जरूरी नहीं समझा। इतना ही नहीं वह एयर स्ट्राइक जैसे गंभीर विषयों पर बचकाने सवाल दागते नजर आए।
हिंदुत्व एजेंडे का है काफी महत्व गौरतलब है कि उत्तराखंड सैन्य बहुल क्षेत्र है। इसके साथ ही पाकिस्तान में हुई एयर स्ट्राइक का उत्तराखंड में खासा असर देखा जा सकता है। इस स्थिति में हर पार्टी सैनिक वोटरों को विभिन्न एजेंडे से प्रभावित करने की पूरी कोशिश में जुटी है। इसके तहत कांगेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी पार्टी की रणनीति को नई दिशा देने का प्रयास करेंगे। हांलाकि भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे के चलते देवभूमि खासा महत्व रखती है। इसके लिए भगवा पार्टी ने भी पांचों संसदीय सीटों पर जीत पक्की करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।