उन्होंने कहा कि 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के लिए हमने चुनाव प्रचार 27 साल यूपी बेहाल के नारे के साथ की, जिससे साफ जाहिर होता है कि गठबंधन का कोई आइडिया नहीं था। लेकिन इसी बीच सितंबर, 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक हो गई जिसके बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं में इस बात पर सहमति बनी कि इन हालातों में अकेले चुनाव लड़ना अच्छा निर्णय नहीं होगा।
2017 यूपी के चुनाव नतीजों पर पीके का कहना है कि कांग्रेस के लिए जो प्लान बनाया गया था उसके हिसाब से अगर वह पूरी तरह से लागू होता तो कांग्रेस जरूर वापसी करती। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनावी भविष्य को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्हें अभी टाइम देना पड़ेगा। लेकिन कांग्रेस अपने निर्णयों को लेकर अडिग नहीं रही। ऐसे में अगर आप चुनाव से ठीक पहले रणनीति बदलते हैं तो परिणाम आपके पक्ष में आना मुश्किल होता है। अगर कांग्रेस ऐसा नहीं करती तो शायद वापसी कर सकती थी। लेकिन भारतीय सेना ने 2016 में 28-29 सितंबर की रात पाकिस्तान की सीमा में सर्जिकल स्ट्राइक कर दिया। बाद में भाजपा और पीएम मोदी ने सेना की इस कार्रवाई को चुनाव प्रचार का हिस्सा भी बनाया।
आपको बता दें कि हाल ही में अपनी नई पारी का आगाज किया है। आम चुनाव में नरेंद्र मोदी के लिए कैंपेन करने के बाद पीके ने बिहार में नीतीश कुमार, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर और यूपी में कांग्रेस के लिए काम किया। अब वह खुद राजनीति में उतर गए हैं और नीतीश कुमार ने उन्हें जेडीयू में नंबर दो की जगह दी है।