शिवसेना को एनडीए नहीं छोड़ने की दी सलाह
दरअसल पांच फरवरी को बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता प्रशांत किशोर मुंबई पहुंचे थे। यहां उन्होंने शिवसेना चीफ समेत कई दिग्गजों से मुलाकात की। बैठक में आगामी चुनावों के बाद की परिस्थितियों पर चर्चा हुई। यहां प्रशांत ने शिवसेना को इस बात पर राजी करने की कोशिश की है कि वे किसी भी हालात में एनडीए का साथ न छोड़ें। इसके अलावा प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनावों के लिए शिव सेना की चुनावी रणनीति संभालने पर भी राजी हो गए हैं।
नीतीश को पीएम बनाने पर भी हुई बात
अखबार ने सूत्रों के हवाले से कहा कि है कि अगर लोकसभा चुनाव-2019 में किसी दल को बहुमत नहीं मिलता है, और परिणाम त्रिशंकु रहते हैं तब पीएम कौन बनेगा? इसे लेकर प्रशांत ने नीतीश कुमार को पीएम बनाने का फार्मूला ठाकरे से साझा किया है। इसके पीछे की वजह बताई जा रही है उसमें में दम नजर आता है।
नीतीश के नाम पर विपक्षी भी देंगे साथ ?
खबर है कि प्रशांत ने उद्धव ठाकरे को अपना ब्लू प्रिंट दिखाया है। उन्होंने कहा है कि देश के लगभग सभी विपक्षी दल आगामी चुनाव में नहीं चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी दुबारा पीएम की कुर्सी पर बैठें। अब अगर बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तब नीतीश को आगे करके उन क्षेत्रीय दलों ने समर्थन लिया जा सकता है जो न तो एनडीए की सहयोगी हैं और न ही कांग्रेस की सरकार चाहती हैं। ऐसे दलों के करीब 100 सांसद जीतकर लोकसभा पहुंचने के आसार हैं। जिसमें वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति, बीजू जनता दल और एआईएडीएमके जैसे दल प्रमुख हैं।