कांग्रेस ने पीएमओ की भूमिक पर उठाए सवाल
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को कहा कि चोकसी को भगाने में प्रधानमंत्री कार्यालय की संलिप्तता के प्रमाण हैं जिनसे साबित होता है कि बैंकों का करोड़ों रुपए लूटने वाले वाले इस कारोबारी को भगाने में प्रधानमंत्री कार्यालय की मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि चोकसी के फ्रॉड और उसके देश से भागने की संभावना को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो सहित कई अन्य एजेंसियों को कई शिकायतें की गई।
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कोर्ट से भी हुई थी चोकसी की शिकायत
सुरजेवाला ने कहा कि इसमें पहली शिकायत पांच मई 2015 को प्रधानमंत्री कार्यालय से की गई थी। प्रधानमंत्री कार्यालय से जब इस बारे में पूछा गया तो संसद में खुद सरकार ने स्वीकार किया कि मेहुल के फ्रॉड की उसे जानकारी थी। सुरजेवाला ने कहा कि मुंबई पुलिस में भी उसके द्वारा की गई धोखाधड़ी को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई। मुंबई पुलिस में की गई शिकायत के अलावा अहमदाबाद में भी उसकी शिकायत की गई। वहां दिग्विजय जडेजा नाम के एक व्यक्ति ने आर्थिक अपराध शाखा को 26 जुलाई 2016 को बताया कि मेहुल फ्रॉड है। यह मामला उच्च न्यायालय पहुंचा और शिकायत में कहा गया कि वह विदेश भाग सकता है।
मेहुल चोकसी ने वीडियो मैसेज में खुद को बताया निर्दोष
एंटीगुआ में अपने गुप्त ठिकाने से मेहुल चोकसी ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। उसने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे और आधारहीन हैं। उन्होंने बिना किसी आधार के अवैध रूप से मेरी संपत्ति जब्त की। चोकसी ने कहा कि पासपोर्ट अथॉरिटी ने मेरे पासपोर्ट को पूरी तरह से रद्द कर दिया, जिसके चलते मेरी आवाजाही पर रोक लग गई। मुझे पासपोर्ट कार्यालय से एक ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें कहा गया कि मेरा पासपोर्ट भारत को सुरक्षा खतरे के कारण रद्द कर दिया गया है। उसने आगे कहा कि मैंने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय मुंबई को एक ईमेल भेज कर पासपोर्ट पर लगी रोक खत्म करने का अनुरोध किया है। हालांकि, मुझे उनसे कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने मुझे यह भी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि मेरा पासपोर्ट क्यों रद्द किया गया है।