विधानसभा चुनाव में भी इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा
राजद नेता ने कहा कि नीतीश के अब तक राजनीतिक इतिहास को देखकर यह कहा जा सकता है कि वह सत्ता के लिए कुछ भी करेंगे। उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि नीतीश जान चुके हैं कि भाजपा के साथ रहेंगे तो न केवल लोकसभा चुनाव में बल्कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भी इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा, इस कारण अब वह उनके कई मुद्दों पर विरोध करने का नाटक कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जनता सब कुछ देख रही है।
सभी दलों की अलग-अलग विचारधारा
इधर, जद (यू) के नेता ने इस फैसले को लेकर सफाई देते हुए कहा कि सभी दलों की अपनी-अपनी विचारधारा होती है। पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सभी दलों की अलग-अलग विचारधारा होती है लेकिन एक न्यूनतम कार्यक्रम के अनुसार सरकार चलाई जाती है। उन्होंने कहा कि जद (यू) कई मुद्दों पर भाजपा से अलग है। आपको बता दें कि जद (यू) के अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यहां रविवार को जद (यू) के वरिष्ठ पदाधिकारियों की हुई बैठक में राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करने की घोषणा की गई है।
बैठक के बाद संवाददताओं से चर्चा करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता क़े सी़ त्यागी ने बताया, “समाजवादी आंदोलन की विरासत का सवाल है, चाहे वह धारा 377 हो, यूनिफार्म सिविल कोड हो या रामजन्म भूमि विवाद हो। पार्टी अपने पुराने स्टैंड पर कायम है। जद (यू) राज्यसभा में असम नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करेगी।